आम बजट को खास बनाने का प्रयास
क्या हुआ सस्ता
- सोया प्रोटीन
- रॉ शुगर
- प्लास्टिक-केमिकल
- स्किम्ड मिल्क
- टीवी
- सोलर बैट्री
- न्यूज प्रिंट
- प्लैटिनम
- प्लास्टिक सीट
- इलेक्ट्रिक कारें
क्या हुआ महंगा
- ऑटो पार्टस
- मेडिकल इक्विपमेंट
- फर्नीचर
- तम्बाकू-सिगरेट
- फुटवियर
- मोबाइल
- जूते-चप्पल
- पानी का फिल्टर
- ग्लास का सामान
- पंखे
- मिक्सर
RAJAT KUMAR
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में 2020-21 का बजट पेश किया। बजट में प्रत्येक वर्ग के लिए कुछ न कुछ देने का प्रयास किया है। जहां एक और इनकम टैक्स देने वालों के सामने दो विकल्प दिए हैं तो वहीं चिकित्सा, रेल, सुरक्षा, शिक्षा आदि पर बजट निर्धारित करते हुए विभिन्न योजनाएं चलाने की भी बात बजट में वित्त मंत्री ने कही है। बजट में जहां निजी ट्रेनों को चलाने की बात कही गई वही साथ-साथ एलआईसी कुछ हिस्सेदारी बेचने की भी योजना के बारे में बताया। इस पर विपक्ष ने जमकर हंगामा भी किया। बजट को लेकर राजनीतिक दलों, व्यवसाइयों एवं जनता की विभिन्न प्रकार की क्रियाएं की गई हैं।
टैक्स स्लैब में बड़ा बदलाव
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को हुए कहा कि इस वित्त वर्ष 2020-21 का बजट मुख्यत: तीन बातों ‘आकांक्षी भारत, सभी के लिए आर्थिक विकास करने वाला भारत और सभी की देखभाल करने वाला समाज भारत पर केंद्रित है। केंद्रीय वित्त मंत्री ने बजट में करदाताओं को इनकम टैक्स पे करने के दो विकल्पों का तोहफा दिया है। नए विकल्प में टैक्स रेट कम रखे गए हैं, लेकिन इसमें टैक्सपेयर्स को तमाम टैक्स छूट से वंचित कर दिया गया है। इसका अर्थ यह हुआ कि अगर आपने टैक्स के नए विकल्प का चयन किया तो आपको सेक्शन 80सी, सेक्शन 80डी, एचआरए पर टैक्स छूट तथा हाउजिंग लोन पर टैक्स छूट के फायदों से हाथ धोना पड़ेगा। यह उन लोगों के लिए फायदेमंद साबित होगा जो अपनी कमाई का ज्यादा हिस्सा निवेश नहीं कर पाते हैं। नई व्यवस्था के तहत आप चाहें तो नया टैक्स स्लैब अपना सकते हैं या फिर पुरानी व्यवस्था के तहत ही टैक्स दे सकते हैं। इसका फैसला करते वक्त ध्यान रखना होगा कि आप इनकम टैक्स एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत कितनी टैक्स छूट ले सकते हैं। अगर टैक्स छूट से ज्यादा बचत हो रही हो तो आपके लिए पुराना टैक्स स्लैब ही चुनना बेहतर होगा। केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा पेश किए गए बजट में टैक्स स्लैब में बहुत बड़ा परिवर्तन किया गया है जिसको नीचे चार्ट के माध्यम से बताने की कोशिश की गई है। इसके साथ ही पिछले वर्ष से क्या अंतर है यह भी बताया गया है।
- केंद्र सरकार ने बजट में करदाताओं को कर अदा करने के दो विकल्प दिए
- नए विकल्प में टैक्स की दरें कम लेकिन किसी भी टैक्स छूट का नहीं ले पाएंगे लाभ
- अब काफी सोच-समझकर चुनना होगा टैक्स अदा करने का विकल्प
- कोई भी टैक्स विकल्प चुनने से पहले करना होगा कैलकुलेशन
टैक्स स्लैब चार्ट
आमदनी अब पहले
0-5 लाख NIL NIL
5-7.5 लाख 10% 20%
7.5-10 लाख 15% 20%
10-12.5 लाख 20% 30%
12.5-15 लाख 25% 30%
15 लाख से ज्यादा 30% 30%
(1) 7.5 लाख रुपये तक की आमदनी वालों के लिए
अब
5 लाख रुपये तक की आमदनी पर 5% की दर से 12,500 रुपये।
5 से 7.5 लाख यानी 2.5 लाख रुपये पर नई टैक्स दर 10% की दर से 25,000 रुपये।
कुल टैक्स- 37,500
सेस – 1,500 रुपये।
यानी कुल टैक्स + सेस = 39,000 रुपये
पहले
5 लाख रुपये तक पर 5% की दर से टैक्स- 12,500 रुपये
5 से 7.5 लाख तक के 2.5 लाख पर 20% की दर से 50,000 रुपये
कुल टैक्स 62,500 रुपये
सेस- 2,500 रुपये
टैक्स + सेस – 65,000 रुपये
फायदा: 65,000 रुपये – 39,000 रुपये = 26,000 रुपये
(2) 7.5 लाख से 10 लाख रुपये तक
अब
5 लाख रुपये तक 12,500
5 से 7.5 लाख तक के 2.5 लाख रुपये पर 10% की दर से टैक्स 25,000 रुपये
7.5 लाख से 10 लाख रुपये तक के 2.5 लाख रुपये पर 15% की दर से 37,500 रुपये टैक्स
कुल टैक्स – 75,000 रुपये
सेस- 3,000 रुपये
कुल टैक्स+सेस = 78,000 रुपये
पहले
5 लाख रुपये तक टैक्स 12,500 रुपये
5 से 10 लाख तक के 5 लाख रुपये पर 20% की दर से टैक्स 1 लाख रुपये
कुल टैक्स- 1,12,500 रुपये
सेस- 4,500 रुपये
टैक्स + सेस = 1,17,00रुपये
फायदा: 1,17,00रुपये – 78,000 रुपये = 39,000 रुपये
(3) 10 लाख से 12.5 लाख रुपये तक
अब
5 लाख रुपये तक टैक्स 12,500 रुपये
5 से 7.5 लाख रुपये तक के 2.5 लाख रुपये पर 10% की दर से 25,000 रुपये
7.5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये के 2.5 लाख पर 15% की दर से 37,500 रुपये
10 लाख रुपये से 12.5 लाख रुपये के 2.5 लाख रुपये पर 20% की दर से 50,000 रुपये
कुल टैक्स- 1,25,000 रुपये
सेस- 5,000 रुपये
टैक्स + सेस = 1,30,000 रुपये
पहले
5 लाख तक 12,500 रुपये
5 से 10 लाख रुपये तक के 5 लाख रुपये पर 20% की दर से 1 लाख रुपये
10 से 12.5 लाख रुपये के 2.5 लाख रुपये पर 30% की दर से 75,000 रुपये
कुल टैक्स- 1,87,500
सेस- 7,500 रुपये
टैक्स + सेस = 1,95,000 रुपये
फायदा: 1,95,000 रुपये – 1,30,000 रुपये = 65,000 रुपये
(4) 12.5 लाख से 15 लाख रुपये तक
अब
5 लाख रुपये तक टैक्स 12,500 रुपये
5 से 7.5 लाख रुपये तक के 2.5 लाख रुपये पर 10% की दर से 25,000 रुपये
7.5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये के 2.5 लाख पर 15% की दर से 37,500 रुपये
10 लाख रुपये से 12.5 लाख रुपये के 2.5 लाख रुपये पर 20% की दर से 50,000 रुपये
12.5 लाख से 15 लाख के 2.5 लाख रुपये पर 25% की दर से 62,500 रुपये
कुल टैक्स – 1,87,500 रुपये
सेस- 7,500 रुपये
टैक्स + सेस = 1,95,000 रुपये
पहले
5 लाख तक 12,500 रुपये
5 से 10 लाख तक के 5 लाख पर 20% की दर से 1 लाख रुपये
10 से 15 लाख तक के 5 लाख पर 30% की दर से 1.5 लाख रुपये
कुल टैक्स – 2,62,500 रुपये
सेस – 10,500 रुपये
टैक्स + सेस = 2,73,000 रुपये
फायदा: 2,73,000 रुपये – 1,95,000 रुपये = 78,000 रुपये
नए टैक्स स्लैब में इनका नहीं मिलेगा लाभ
- लीव ट्रैवेल अलाउंट इग्जेंप्शन।
- हाउस रेंट अलाउंस इग्जेंप्शन
- 50 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन।
- इंटरटेनमेंट अलाउंस और एंप्लॉयमेंट/प्रफेशनल डिडक्शन।
- हाउजिंग लोन के इंट्रेस्ट पर मिलने वाला टैक्स बेनिफिट।
- फैमिली पेंशन पर 15,000 रुपये की टैक्स छूट।
- मेडिकल इंश्योरेंस डिडक्शन।
- डिसेबिलिटी के लिए मिलने वाला टैक्स छूट।
- 80C का फायदा।
- एजुकेशन लोन पर मिलने वाला टैक्स बेनिफिट।
- चैरिटेबल इंस्टिट्यूशंस को दिए गए दान पर मिलने वाले टैक्स छूट।
आयकर अधिनियम के चैप्टर 6ए के तहत मिलने वाले तमाम डिडक्शंस जैसे सेक्शन 80C, 80CCC, 80CCD, 80D, 80DD, 80DDB, 80E, 80EE, 80EEA, 80EEB, 80G, 80GG, 80GGA, 80GGC, 80IA, 80-IAB, 80-IAC, 80-IB, 80-IBA इत्यादि का फायदा आप नए टैक्स विकल्प में नहीं मिलेगा।
बैंक देगा 5 लाख रुपए तक की गारंटी
सीतारमण ने कहा कि अब बैंक जमा पर ग्राहकों को पांच लाख रुपये तक की गारंटी मिलेगी यानी बैंक के डूब जाने के बाद भी आपके पांच लाख रुपये बिल्कुल सुरक्षित रहेंगे। इसका मतलब यह है कि बैंकों में पैसा जमा कराने वाले ग्राहकों के लिए इंश्योरेंस कवर जो पहले एक लाख रुपये था उसे बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया गया है। यानी बैंक अगर डूब भी जाता है तो ग्राहक का पूरा पैसा नहीं मारा जाएगा। उसकी पांच लाख रुपये तक की रकम उसे वापस की जाएगी।
महिलाओं से जुड़ी योजनाओं पर होंगे 28,600 करोड़ रुपए खर्च
केंद्रीय वित्त मंत्री ने बताया कि महिलाओं से जुड़ी योजनाओं पर 28,600 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। देशभर में डेटा सेंटर पार्क बनाए जाएंगे जिनकी मदद से आंगनवाड़ी, डाकघर, पुलिस स्टेशन, ग्राम पंचायतों को डिजिटल कनेक्टिविटी मिलेगी।
जिला अस्पताल के साथ होगा मेडिकल कॉलेज
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि डॉक्टरों की कमी दूर करने के लिए हर जिला अस्पताल के साथ मेडिकल कॉलेज बनेगा। उन्होंने बताया कि मार्च 2021 तक 150 उच्च शिक्षण संस्थान शुरू हो जाएंगे जिनमें स्किल्ड प्रशिक्षण दिया जाएगा। क्वालिटी एजुकेशन के लिए डिग्री वाली ऑनलाइन योजनाएं शुरू की जाएंगी। उन्होंने नेशनल पुलिस यूनिवर्सिटी और नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी के प्रस्ताव के बारे में भी बताया। शिक्षा के लिए 99300 करोड़ जबकि स्किल डेवलपमेंट के लिए 3000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
पीएम जन आरोग्य योजना के लिए 6400 करोड़ रुपये
स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 69 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसमें पीएम जन आरोग्य योजना के लिए 6400 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है। मिशन इंद्रधनुष का दायरा बढ़ाकर इनमें 12 बीमारियों को शामिल किया गया है। इसमें पांच वैक्सीन भी जोड़ी गई हैं। आयुष्मान भारत के लाभार्थियों के लिए टियर-2 और टियर-3 शहरों में पीपीपी मोड पर अस्पताल बनाए जाएंगे। पहले चरण में 112 जिलों से इसकी शुरुआत होगी। मेडिकल उपकरणों पर जो कर लगाया जाता है उसी रकम से इन अस्पतालों का निर्माण कराया जाएगा। वित्त वर्ष 2020-21 में स्वच्छ भारत मिशन के लिए 12,300 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। सरकार ने साल 2025 तक टीवी की बीमारी को पूरी तरह से खत्म करने का लक्ष्य रखा है। जल जीवन मिशन के लिए 3.6 लाख करोड़ रुपयों का आवंटन किया गया है।
रक्षा बजट 3.37 लाख करोड़ रुपये
रक्षा बजट में मामूली बढ़ोतरी करते हुए 2020-21 के लिए इसमें 3.37 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जबकि इससे पिछले साल यह 3.18 लाख करोड़ रुपये था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा शनिवार को लोकसभा में पेश किए गए आम बजट के मुताबिक कुल रक्षा आवंटन में 1.13 लाख करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय के लिए दिए गए हैं। इसका इस्तेमाल नए हथियार, वायुयान, युद्धपोत और अन्य सैन्य उपकरण खरीदने के लिए किया जाएगा।
150 ट्रेनें पीपीपी के जरिए होंगी शुरू
सरकार 27 हजार किलोमीटर रेलवे ट्रैक का इलेक्ट्रिफिकेशन करेगी। 150 ट्रेनें पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिए शुरू की जाएंगी। उन्होंने बताया कि सरकार की योजना तेजस जैसी और ट्रेनों के माध्यम से प्रसिद्ध स्थलों को जोड़ने की है। यही नहीं चार स्टेशनों का पुनर्विकास किया जाएगा। इन योजनाओं पर 18,600 करोड़ रुपये खर्च होंगे। रेल पटरियों के किनारे सोलर पॉवर ग्रिड बनेंगे। 148 किलोमीटर में बेंगलुरू ऊपनगरीय ट्रेन सिस्टम बनेगा जिसमें केंद्र सरकार 25 फीसद आर्थिक मदद देगी।
किसानों को 16 योजनाओं का तोहफा
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार साल 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लक्ष्य को लेकर वचनबद्ध है। सरकार ने इन 16 योजनाओं के लिए 2.83 लाख करोड़ रुपये आवंटित करने का फैसला लिया है। इसमें कृषि और सिंचाई के लिए 1.2 लाख करोड़ रुपये व सरकार पीएम कुसुम योजना के तहत 20 लाख किसानों को सोलर पंप लगाने में आर्थिक मदद देगी। जल संकट से प्रभावित 100 जिलों के लिए विस्तृत योजना लाई जाएगी और 15 लाख किसानों को ग्रिड कनेक्टेड पंपसेट से जोड़ा जाएगा। किसानों को 15 लाख करोड़ रुपए का कर्ज देने का लक्ष्य रखा है।
प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे
केंद्रीय वित्त मंत्री ने ऊर्जा क्षेत्र के लिए 22 हजार करोड़ रुपए का आवंटन किया है। उन्होंने कहा कि आने वाले वक्त में देशभर में प्री पेड मीटर लगाए जाएंगे। इन स्मार्ट मीटरों में रेट चुनने और बिजली कंपनी को चुनने का विकल्प होगा। 22 हजार करोड़ रुपये पावर और अक्षय ऊर्जा के लिए प्रस्तावित किए जा रहे हैं।
1अप्रैल से GST की नयी सरलीकृत रिटर्न व्यवस्था लागू
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि एक अप्रैल 2020 से जीएसटी की नयी सरलीकृत रिटर्न व्यवस्था लागू होगी। केंद्रीय वित्त मंत्री ने बताया कि चेक पोस्ट हटने से इंस्पेक्टर राज खत्म हुआ है और 20 फीसद लागत कम हुई है। अब लोग अपने परिवार के मासिक खर्च का चार फीसद हिस्सा जीएसटी की वजह से बचा रहे हैं। हमने 60 लाख नए करदाता जोड़े हैं जिससे 40 करोड़ रिटर्न फाइल हुए हैं। हमने सबका साथ, सबका विकास के जरिए लोगों तक सीधा फायदा पहुंचाने की कोशिश की है।