कर्मचारी परिषद के अभिनन्दन समारोह में कुलपति ने ग्राउंड क्राउड फंडिंग के तहत सभी से योगदान की अपील की। इस मौके पर शिक्षकों और कर्मचारियों ने अपने अतिरिक्त मानदेय न लेने की बात करते हुए विश्वविद्यालय में सिंग्नेचर बिल्डिंग का निर्माण कराने की बात कही 

 

(लखनऊ/VMN) लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति ने विश्वविद्यालय के खर्चे पूरे करने के लिए लोगों से ₹1 देने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि हम सबको परसेप्शन को आधार बनाकर काम करना होगा। हमें विश्वविद्यालय को समाज तकनीक और दुनिया से जोड़कर आगे आगे और आगे ले जाना है। ग्राउंड क्राउड फंडिंग के माध्यम से सभी लोग अपना योगदान अवश्य दें। वह चाहे ₹1 ही क्यों न हो। समाज के विभिन्न आयामों से विश्वविद्यालय भावनात्मक रूप से जुड़ें। अच्छे लोगों को विश्वविद्यालय से जोड़ें और विश्वविद्यालय की अच्छाई उनको बताएं। समाज को बताएं कि विश्वविद्यालय में हम क्या कर रहे हैं। उन्होंने कर्मचारियों से आह्वान किया कि सभी कर्मचारी विश्वविद्यालय हित में और छात्र हित में जहां भी हैं अपने दायित्व का पूरी ईमानदारी से निर्वहन करें और अपने को अपग्रेड करने के  साथ ही अपडेट भी करें यह हमारा कमिटमेंट होना चाहिए।

 यह बात लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अलोक कुमार राय ने कर्मचारी परिषद द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कही। विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में  कुलपति प्रो0 आलोक कुमार राय एवं कुलसचिव डॉ विनोद कुमार सिंह का अभिनंदन किया गया। 

समारोह के अति विशिष्ट अतिथि कार्य परिषद के सदस्य अनिल सिंह ने कहा कि शताब्दी वर्ष में विश्वविद्यालय के शिक्षक कर्मचारी अपना पूरा योगदान विश्वविद्यालय के गौरवशाली अतीत को आगे ले जाने के लिए देंगे। उन्होंने कहा कि शताब्दी विश्वविद्यालय का कोई भी शिक्षक मानदेय नहीं लेगा उल्लेखनीय है कि कर्मचारी परिषद के महामंत्री संजय शुक्ला ने स्वागत भाषण के दौरान कुलपति से अपील की थी कि शताब्दी वर्ष में प्रवेश परीक्षा व परीक्षा सहित अन्य मदों में कर्मचारियों शिक्षकों को वेतन के अतिरिक्त मानदेय के रूप में मिलने वाली धनराशि से विश्वविद्यालय सिग्नेचर बिल्डिंग का निर्माण कराये। इस प्रकार कर्मचारियों व शिक्षकों के योगदान से बनने वाली बिल्डिंग इतिहास मे कीर्ति स्तम्भ के रुप मे दर्ज होगी। उन्होने इस विद्या मन्दिर को स्वच्छ व सुन्दर बनने का आह्वान किया। उन्होंने कहा की मन व मस्तिष्क के संतुलन से अधिकारी व कर्मचारी एक  दुसरे के हितों को पूर्ण करें। कुलसचिव ने कहा कि आज संपन्न वित्त समिति की बैठक में लखनऊ विश्वविद्यालय के शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा प्रदान करने संबंधी प्रस्ताव पास हो गया और एक माह के भीतर मृतक आश्रितों की नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए कुलपति ने समिति का गठन कर दिया है। उन्होंने कहा छात्रहित हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने कि हमको अधिकार के साथ ही दायित्वों का निर्वहन करना होगा। विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर एसके द्विवेदी ने कहा की विश्वविद्यालय एक शरीर की तरह है जिसमें शिक्षक और कर्मचारी दो महत्वपूर्ण अंग है जो तीसरे अंग छात्र के भविष्य निर्माण और देश निर्माण के लिए कार्य करते है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार एक उंगली में चोट लगने पर दूसरी उंगली को एहसास होता है उसी प्रकार अधिकारी और कर्मचारी एक दोनों के प्रति और उनके हितों के प्रति संवेदनशील होने चाहिए उन्होंने कहा अधिकारी पोषण करें और कर्मचारी अपने दायित्वों को पूर्ण करें। 

कर्मचारियों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा देने का निर्णय हो गया है दैनिक एवं नियत वेतन में कार्यरत कर्मचारियों के वेतन को अल्प बताते हुए उन्होंने इसकी वृद्धि पर विचार करने का आश्वासन दिया। साथ ही कुलपति ने कहा कि इस विश्वविद्यालय का अतीत जितना गौरवशाली है भविष्य उससे भी ज्यादा गौरवशाली बनाने का हम प्रयास करेंगे विश्वविद्यालय अपने शताब्दी वर्ष में इस दिशा में आगे बढ़ चुका है और कई फैसले इस प्रकार के लिए गए हैं जो देश में  किसी भी विश्वविद्यालय में पहली बार हो रहा है। कुलपति ने कहा कि कम संसाधन होने के बाद भी हम छात्रों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने का प्रयास कर रहे हैं। विश्वविद्यालय परिवार के सभी अंगों को एक दूसरे का हाथ पकड़कर एक योद्धा की तरह आगे बढ़ना होगा। हमको यह भी विचार करना पड़ेगा हमारे द्वारा प्रदान की गई शिक्षा समाज में सरकार का सकारात्मकता बढ़ा रही है। कुलपति ने आगे कहा की विश्वविद्यालय के अंदर हम एक सदस्य के रूप में हैं लेकिन जब हम बाहर जाते हैं तो विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि होते हैं और हमारे आचरण से लोगों के मन में विश्वविद्यालय की छवि का निर्माण होता है। मुख्य रूप से परिषद के अध्यक्ष राकेश यादव, महामंत्री संजय शुक्ला आदि मौजूद रहे।