कैलिफोर्निया में रामायण का मंचन
- देसी और विदेशी बच्चों ने साधारण वेष भूषा में मंच पर किया अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन
- कथानक को किस्सागोई के अंदाज में अंग्रेजी भाषा में प्रस्तुत किया गया
- कक्षा 6 से 8 तक के 15 बच्चों ने रामचरितमानस का किया मंचन
- भारतीय मूल के 3 और शेष अमेरिकन समुदाय के बच्चे रहे
Archana Sharma
अमेरिका के कैलीफोर्निया स्थित आनंद आश्रम की साधना हॉल में लिविंग विजडम स्कूल पालो आल्टो सी ऐ के भारतीय और अमेरिकी बच्चों द्वारा रामचरितमानस के प्रसंग का शानदार मंचन कहानी के रूप में किया गया। नाटक में 6 से 8 तक के भारतीय और अमेरिकी बच्चों ने हिस्सा लिया, और कहानी को एक संदेश के रूप में प्रस्तुत कर खूब तालियां बटोरी।
रामचरितमानस की कथा को किस्सागोई के अंदाज में अंग्रेजी भाषा में मंचित कर बच्चों को रामायण और रामचरित मानस तथा दुर्गा पूजा के बारे में बताया गया। शक्ति को दुर्गा का नाम देकर बताया गया कि प्राण तत्व के रूप में इसी को दुर्गा कहा क्या है शक्ति को कैसे जागृत करें। तब क्या है राम ने रावण जैसी ताकत कैसे अर्जित की आत्म बल क्या है। शरीर बल से कैसे बड़ा होता है और सारी शक्तियों के साथ राम ने रावण को मारा। बच्चों ने कहानी को मंच पर प्रस्तुत करने के लिए तीन अलग-अलग सूत्रधारों का इस्तेमाल किया गया। पत्रों की वेशभूषा भी सामान्य अमेरिकन और भारतीय बच्चों जैसी रखी गई। यहां पर धनुष बाण बनाने में थोड़ी समस्या आई जिसके लिए आनंद आश्रम लगी बांस की टहनियों से बनाया गया। सूत्रधार के रूप में श्रेया तिवारी, शिव ने सभी को प्रभावित किया। किस्सागोई अवधेश कुमार मिश्रा की रही, नाटक का निर्देशन कक्षा सात की छात्रा रूचि मुंजल ने किया। राजा जनक की भूमिका मकोतो ने निभाई तो पूजा सीता बनी, अभिनव श्री राम की भूमिका में रहे।
इन दृश्यों के साथ आगे बढ़ी कहानी….
रामचरितमानस व वाल्मीकि रामायण के प्रसंगों को कहानी के रूप में कुछ यूँ प्रस्तुत करते हुए नाटककारों ने श्रीराम को भगवान के रूप में नहीं वरन जीते जाते आम आदमी की तरह प्रस्तुत किया। साथ ही निराला की शक्ति पूजा का भी उल्लेख किया दशरथ के पुत्र राम और उनके सभी भाइयों में अगाध प्रेम. राम किशोरवय में ही बहादुर थे आदि का वर्णन बड़ी खूबसूरती के साथ बच्चों ने मंच पर किया। जंगलों में असुरों का चित्रण डकैतों और लूटेरों के जैसा किया गया। इसी दौरान राम का सीता को देखना और सीता को राम को देखना दोनों का एक दूसरे के प्रति आकर्षण और अंततः राम द्वारा सीता स्वयंवर में अपनी बुद्धिमता और बहादुरी का परिचय देते हुए शिव धनुष तोड़ना। राम विवाह इसके बाद राजभवन में राजा दशरथ द्वारा राम को अयोध्या का राजा बनाये जाने के लिए दशरथ की घोषणा। महल में भरत की मां केकई को भरत को अयोध्या का राजा बनाने के लिए मंथरा दासी द्वारा केकई को भड़काना। फिर कैकई का कोपभवन में जाकर रूठना और राजा दशरथ को राम को 14 वर्ष के लिए वनवास के लिए राजी करना राम का वन जाना। बन में रावण की बहन सुपनखा का राम और लक्ष्मण के प्रति आकर्षित होना और उसका दोनों से विवाह का प्रस्ताव रखना, राम द्वारा विवाह से मना किए जाने पर प्रतिशोध में सूर्पनखा द्वारा राम पर हमला और फिर लक्ष्मण द्वारा उसे दंड देते हुए उसकी नाक काटना। सूर्पनखा द्वारा आपने भाई रावण से राम की शिकायत करना राम द्वारा खर और दूषण का वध किया जाना। मारीच हिरण बनकर सिरा को लुभा रहा है और सीता राम से उसका शिकार करने का आग्रह कर रही है। रावण द्वारा सीता का हरण और रावण से युद्ध के लिए जंगल की जनजातियों और जंगल के आसपास के लोगों से मित्रता कर एक सेना बनने और हनुमान की सहायता से रावण के साथ युद्ध की घोषणा और आखिर में विजय प्राप्त सीता को रावण के चंगुल से छुड़ाना।
( सभार- नरेटर – श्रेया तिवारी)