एबीआरएफ ने मनाया ऑनलाइन पृथ्वी दिवस

(प्रयागराज/VMN) वैश्विक महामारी कोरोना ने पर्यावरण को स्वच्छ कर दिया है, आज मृत्युदर घट गई है। सभी लोग स्वाभाविक तौर पर स्वस्थ हो गए हैं। यह बात रोहतक से प्रोफेसर विनीता शुक्ला ने एशियन बायोलॉजिकल रिसर्च फाउंडेशन (ABRF) प्रयागराज द्वारा मनाये जा रहे 51वें विश्व पृथ्वी दिवस पर कही। कार्यक्रम का आयोजन  ऑनलाइन माध्यम से किया गया। इस मौके पर डॉ एके वर्मा ने बताया इस वैश्विक महामारी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि मानव अन्य जैव प्रजातियों की तरह एक जीव है। स्वयं को प्रकृति का नियंत्रणकर्ता न समझे। सभी मनुष्य चूंकि सर्वाधिक बुद्धिमान प्राणी है इसलिए उसे सभी जीवधारियों के साथ सह-अस्तित्व की भावना के साथ काम करना चाहिए। 

डॉ सद्गुरु प्रकाश ने बताया कि लॉक डाउन से बेरोजगारी दर बढ़ सकती है। उस पर भी सरकार को काम करने की आवश्यकता है। इस अवसर पर डॉ सुनीता आर्या ने बताया कि पर्यावरण को ध्यान में रखकर आज विकास का कार्य किया गया होता तो प्रकृति को ऐसे नियंत्रण करने की आवश्यकता नहीं होती। अतः आज लोगों को कोरोना जैसी महामारी से सीखकर आगे बढ़ने की आवश्यकता है। डॉ संगीता अवस्थी ने बताया कि लॉक डाउन का पूर्णतया पालन करने की आवश्यकता है तथा लॉक डाउन ने लोगों को आज की विषम परिस्थितियों में कैसे लड़ें व आगे बढ़ें उस पर भी प्रकाश डाला है। डॉ प्रसेनजीत हज़रा ने भी अपने विचारों को व्यक्त किया है। धन्यवाद ज्ञापन बीरेंद्र सिंह ने दिया। कार्यक्रम की ऑनलाइन अध्यक्षता डॉ वीसी श्रीवास्तव ने की। कोषाध्यक्ष बीरेंद्र सिंह ने बताया कि कोरोना महामारी से निपटने हेतु संस्था ने प्रधानमंत्री केयर्स फण्ड में दस हज़ार रुपये का दान भी दिया है। पृथ्वी दिवस के इस अवसर पर 400 असहाय लोगों को भोजन वितरण भी कराया गया। इस मौके पर कोडरमा से डॉ प्रसेनजीत हज़रा, जम्मू से डॉ डब्ल्यू के बलवान, जयपुर की डॉ अपर्णा पारेख, जौनपुर के डॉ देवव्रत मिश्र, नई दिल्ली से ICSR के निदेशक राजेश पटेल, नई दिल्ली से शीतल इंडस्ट्री की निदेशक सुमन पटेल सचान, लखनऊ से प्रोफेसर रत्ना कटियार, कानपुर से डॉ सुनीता आर्या, कानपुर से डॉ संगीता अवस्थी, बलरामपुर से डॉ सद्गुरु प्रकाश तथा प्रयागराज से डॉ एके वर्मा व प्रभाकर सिंह व अन्य लोग भी ऑनलाइन कार्यक्रम में शामिल हुए।