क्षेत्र में तैनात हैं युवा चौकीदार, गाड़ी रोकने पर विवाद डॉक्टर साहब खफा
- डॉक्टर का आरोप उनके साथ हुई अभद्रता
- मामला कोतवाली रायपुरवा में हुआ रफा दफा
(कानपुर/VMN) थाना कोतवाली रायपुरवा क्षेत्र के देव नगर में क्षेत्रीय युवाओं द्वारा लॉक डाउन प्रारंभ होने के प्रथम दिन से ही बाहरी लोगों के आवागमन रोकने के लिए जन जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसका उद्देश्य क्षेत्र में कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने ने से रोकना है। इसी क्रम में मुख्य मार्ग को छोड़कर अंदरूनी गलियों में जहां क्षेत्रीय लोगों के अतिरिक्त बाहरी व्यक्ति का लॉक डाउन के दौरान आवागमन क्षेत्रीय लोगों की अनुमति पर प्रतिबंधित कर रखा है।
ऐसे में बीते शुक्रवार दोपहर लगभग 12 बजे एक कार के आगमन को रोकने पर कार चालक ने इस कार्य में लगे युवाओं के साथ बहस की और गली में जबरन घुसने का प्रयास किया। विवाद बढ़ने पर मामला रायपुरवा कोतवाली पहुंचा जहां कार चालक ने बताया कि वह डॉ राजीव शुक्ला हैं और उर्सला में कोविड-19 के कंट्रोल रूम में तैनात हैं। वह देवनगर में अपने समधी के यहां दवा देने आए थे तभी उनकी गाड़ी को कुछ लोगों ने रोक लिया। डॉ शुक्ला का आरोप है कि उनके साथ अभद्रता की गई है। इस दौरान उनका बेटा भी गाड़ी में मौजूद था उसके साथ भी अभद्रता की गई। उन्होंने बताया कि जिन लोगों ने उनको रोका था उसका नेतृत्व एक भाजपा नेता अनूप अवस्थी द्वारा किया जा रहा था जबकि अनूप अवस्थी का कहना है कि क्षेत्रीय लोगों का एक दल गठित किया गया है जो देव नगर की अंदरूनी गलियों में बाहरी लोगों के आने-जाने वालों पर नजर रखता है। यह कार्य लॉक डाउन के दौरान अनावश्यक रूप से बाहरी लोगों के घूमने पर प्रतिबंध लगाने के लिए किया गया है। श्री अवस्थी का कहना है कि डॉ राजीव शुक्ला के द्वारा अनावश्यक रूप से मामले को तूल दिया जा रहा है। कोरोना वायरस संक्रमण रोकने के लिए इस तरह की व्यवस्था की क्षेत्रीय लोगों की डॉ शुक्ला को प्रशंसा करनी चाहिए न कि विवाद। उनका कहना है कि इतनी जिम्मेदार जगह पर तैनात डॉक्टर साहब को केवल गाड़ी रोके जाने पर अहम नहीं पालना चाहिए। श्री अवस्थी ने बताया कि इन क्षेत्र के लोगों के सहयोग से यहां क्षेत्र में चौकीदारी का काम कर रहे हैं वहीं क्षेत्र में गरीब लोगों को नियमित भोजन व राशन उपलब्ध करा रहे हैं और यह स्थितियां सामान्य होने तक अनवरत चलता रहेगा। उनकी क्षेत्रीय लोगों से अपील है कि लोग घरों में रहें वह अपनी टीम के साथ सुरक्षा में तैनात हैं। उन्होंने बताया कि सोशल डिस्टेंसिंग बनाने में यह तरीका काफी कारगर है जिससे अनावश्यक बाहरी लोगों का प्रवेश क्षेत्र की तंग गलियों में नहीं हो सकेगा और क्षेत्र कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रहेगा।