• मोटरसाइकिल के जरिए दिखाएंगे हैरतअंगेज 9 तरीके के करतब 
  • सीआरपीएफ की डेयरडेविल्स टीम का होगा यह शानदार प्रदर्शन

 

 

 

RAJAT SAXENA/ ARCHANA SHARMA

(एनसीआर/लखनऊ/VMN) गणतंत्र दिवस पर हर बार की तरह इस बार भी भारत के वीरों की शौर्य का शानदार प्रदर्शन देखने को मिलेगा। मगर इस बार कुछ खास भी होगा जो देशभर के लोगों को दांतों तले उंगली दबाने के लिए मजबूर कर देगा दरअसल दिल्ली में राजपथ पर पुरुष सैनिकों के साथ ही महिला सैनिकों का हैरतअंगेज करतब भी देखने को मिलेगा जो नारी शक्ति की सशक्त तस्वीर को प्रस्तुत करेगा। वही लखनऊ में भी गणतंत्र दिवस को लेकर तैयारियां चल रही हैं। 

यह करतब सीआरपीएफ की महिला सैनिकों की डेयरडेविल्स टीम का होगा जो राजपथ पर पहली बार मोटरसाइकिल के जरिए अलग अलग तरीके से 9 तरीके के हैरतअंगेज करतब की प्रस्तुति देकर लोगों को यह कहने के लिए मजबूर कर देंगे कि अगर नारी एक बार जो ठान ले तो वह कठिन से कठिन कार्य को भी आसान कर देती है। रिहर्सल के दौरान इस टीम का भी शानदार प्रदर्शन देखने को मिल रहा है।

……. अब abide with me गीत नहीं  बल्कि सुनेंगे “वंदे मातरम” 

 प्रत्येक वर्ष की भांति इस बार गणतंत्र दिवस पर abide with me गीत सुनाई नहीं देगा दरअसल इस गीत की जगह इस बार राष्ट्रीय गीत “वंदे मातरम” बजाया जाएगा दरअसल इस गीत को बजाने के पीछे यह बताया जाता है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का पसंदीदा गीत था लेकिन अब किसी वजह से इसे हटा कर राष्ट्रगीत बजाय जाने की चर्चा है। 

दुनिया देखेगी भारत की सैन्य शक्ति

 इन दिनों दिल्ली के राजपथ पर गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) को लेकर चल रही तैयारियों की झलक देखी जा सकती है। हर साल की तरह इस बार भी देश की तीनों सेनाओं का शानदार प्रदर्शन देखने को मिलेगा और वीरों की शौर्य गाथा सुनाई देगी इसी के साथ भारत के सभी राज्यों की मनोहर झांकियां अपने-अपने राज्यों की संस्कृति और परंपरा को प्रस्तुत करेंगी इस और साथ ही भारत की एकता और अखंडता का सजीव चित्रण प्रस्तुत करेंगी। इन सब की तैयारी से दिल्ली के राजपथ की सड़के अभी से पटी पड़ी है दुश्मनों के दांत खट्टे करने बात कर देने वाली टोपी और मिसाइलें अभी से देखी जा सकती हैं। परेड में भारतीय सेना की विभिन्न रेजीमेंट वायुसेना नौसेना के जवान बढ़ चढ़कर हिस्सा लेंगे और भारत की शौर्य गाथा की प्रस्तुति देंगे। 

 1955 से राजपथ पर हो रही है परेड

 स्वतंत्रता के बाद 1950 से लेकर 1954 तक गणतंत्र दिवस परेड का आयोजन राजपथ पर नहीं होता था। इन 4 सालों तक परेड का आयोजन क्रमशः इरविन स्टेडियम (अब नेशनल स्टेडियम ), किंग्सवे,  लाल किला और रामलीला मैदान में किया जाता था। 26 जनवरी की परेड की शुरुआत राष्ट्रपति के आगमन से होती है। सर्वप्रथम राष्ट्रपति के घुड़सवार अंगरक्षक द्वारा तिरंगे को सलामी दी जाती है और ठीक उसी समय राष्ट्रगान “जन गण मन” भी बजाया जाता है। इसके बाद इक्कीस तोपों की सलामी दी जाती है। हकीकत यह है कि 21 तोपों से फायरिंग नहीं होती बल्कि सेना के 7 तोपों जिनको 25 पॉन्डर्स जाता है उनमें तीन तीन राउंड की फायरिंग की जाती है।  26 जनवरी1955 को राजपथ पर पहली बार आयोजित गणतंत्र दिवस परेड में पाकिस्तान के गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मोहम्मद विशेष अतिथि बने थे।

ऐसे मिलेगी टिकट…. 

 गणतंत्र दिवस की परेड व झांकियां देखने के लिए आम जनमानस में खूब ललक देखने को मिल रही है। टिकट खिड़की पर उमड़ने वाली भीड़ की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए टिकट की कीमत भी बजट के अंदर ही रखी गई है। आरक्षित सीटों के लिए टिकट की कीमत ₹500 और अनारक्षित सीटों के लिए 100 व ₹20 है।  टिकट काउंटर प्रतिदिन सुबह 10:00 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक और दोपहर 2:00 से शाम 4:30 बजे तक खुल रहे है।

ब्राजील के राष्ट्रपति जैर बोलसोनारो होंगे मुख्य अतिथि

प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के साथ-साथ एक मुख्य अतिथि भी मौजूद रहते हैं। इस बार गणतंत्र दिवस की परेड के अवसर पर ब्राजील के राष्ट्रपति जैर बोलसोनारो को आमंत्रित किया गया है। 1950 से लेकर अभी तक यह परंपरा रही है कि गणतंत्र दिवस की परेड में एक मुख्य अतिथि को आमंत्रण भेजा जाता है जो इस यादगार अवसर पर मौजूद रहते हैं । हांलाकि वर्ष 1952, 1953 व 1966 में किसी को भी आमंत्रण नहीं दिया गया। वहीं 1956, 1968 व 1974 में दो-दो अतिथियों को आमंत्रण दिया गया। वर्ष 2018 में 10 अतिथियों को आमंत्रण दिया गया।     

गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथियों की सूची 

वर्ष       अतिथियों के नाम    

1950    राष्ट्रपति सुकर्णो (इंडोनेशिया)                                                             

1951    राजा त्रिभुवन बीर बिक्रम शाह  (नेपाल)                                               

1952    कोई आमंत्रण नहीं    

1953    कोई आमंत्रण नहीं    

1954    जिग्मे दोरजी वांगचुक  (भूटान)                                                             

1955    गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मुहम्मद  (पाकिस्तान)                                 

1956    राजकोष के कुलपति आर. ए. बटलर  (यूनाइटेड किंगडम)        

            मुख्य न्यायाधीश कोटारो तनाका  (जापान)                                             

1957    रक्षा मंत्री जॉर्जिया झुकोव (सोवियत संघ)                                             

1958    मार्शल ये जियानिंग (चीन)                                                                   

1959    एडिनबर्घ के ड्यूक प्रिंस फिलिप (यूनाइटेड किंगडम)                                     

1960    अध्यक्ष क्लीमेंट वोरोशिलोव (सोवियत संघ)                                                 

1961    महारानी एलिजाबेथ द्वितीय (यूनाइटेड किंगडम)                                             

1962    प्रधानमंत्री विग्गो कंम्पमन्न  (डेनमार्क)                                                  

1963    राजा नोरोडोम सिहानोक (कंबोडिया)     

1964    रक्षा स्टाफ के चीफ लॉर्ड लुईस माउंटबैटन (यूनाइटेड किंगडम)     

1965    खाद्य और कृषि मंत्री राणा अब्दुल हमीद  (पाकिस्तान)   

1966    कोई आमंत्रण नहीं  

1967    राजा मोहम्मद जहीर शाह (अफगानिस्तान)     

1968    अध्यक्ष अलेक्सी कोसिगिन (सोवियत संघ)     

            राष्ट्रपति जोसीप ब्रोज टिटो (यूगोस्लाविया)     

1969    प्रधानमंत्री टोडोर झिव्कोव (बल्गेरिया)      

1970    बेल्जियम के राजा बौदौइन (बेल्जियम)     

1971    राष्ट्रपति जूलियस न्येरे (तंजानिया)     

1972    प्रधानमंत्री सीईवोसगुर रामगुलाम (मॉरीशस)     

1973    राष्ट्रपति मोबूतु सेसे सेको (जैरे)     

1974    राष्ट्रपति जोसीप ब्रोज़ टिटो (यूगोस्लाविया)     

            प्रधानमंत्री सिरिमावो बंडरानाइक (श्रीलंका)     

1975    राष्ट्रपति केनेथ कौंडा (जाम्बिया)     

1976    प्रधानमंत्री जाक शिराक (फ्रांस)     

1977    प्रथम सचिव एडवर्ड गिरेक (पोलैंड)   

1978    राष्ट्रपति पैट्रिक हिलेरी (आयरलैंड)     

1979    प्रधानमंत्री मैल्कम फ्रेजर (ऑस्ट्रेलिया)     

1980    राष्ट्रपति वैलेरी गिस्कर्ड डी एस्टाइंग (फ्रांस)     

1981    राष्ट्रपति जोस लोपेज पोर्टिलो (मेक्सिको)     

1982    किंग जुआन कार्लोस आई (स्पेन)     

1983    राष्ट्रपति शेहू शागरी (नाइजीरिया)     

1984    किंग जिग्मे सिंग्ये वांगचुक (भूटान)     

1985    राष्ट्रपति राउल अल्फोन्सिन (अर्जेंटीना)     

1986    प्रधानमंत्री एंड्रियास पैपांड्रेउ (ग्रीस)  

1987    राष्ट्रपति एलन गार्सिया (पेरू)     

1988    राष्ट्रपति जे. आर. जयवर्धने (श्रीलंका)     

1989    जनरल सचिव गुयेन वान लिन (वियतनाम)     

1990    प्रधानमंत्री अनिरुद्ध जुग्नथ (मॉरीशस)       

1991    राष्ट्रपति ममून अब्दुल गयूम (मालदीव)     

1992    राष्ट्रपति मारियो सोरेस (पुर्तगाल)     

1993    प्रधानमंत्री जॉन मेजर (यूनाइटेड किंगडम)     

1994    प्रधानमंत्री गोह चोक टोंग (सिंगापुर)     

1995    राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला (दक्षिण अफ्रीका)      

1996    राष्ट्रपति डॉ. फर्नांडो हेनरीक कार्डोसो (ब्राजील)      

1997    प्रधानमंत्री बासदेव पांडे (त्रिनिदाद एंड टोबैगो)    

1998    राष्ट्रपति जैक शिराक (फ्रांस)     

1999    राजा बिरेंद्र बीर बिक्रम शाह देव (नेपाल)     

2000    राष्ट्रपति ओलेजगुन ओबासांजो (नाइजीरिया)     

2001    राष्ट्रपति अब्देलजीज बुटीफिला  (अल्जीरिया)    

2002    राष्ट्रपति कसम उतेम (मॉरीशस)     

2003    राष्ट्रपति मोहम्मद खटामी (ईरान)     

2004    राष्ट्रपति लुइज इनासिओ लुला दा सिल्वा (ब्राजील)     

2005    किंग जिग्मे सिंग्ये वांगचुक (भूटान)     

2006    किंग अब्दुल्ला बिन अब्दुलअजीज अलसऊद (सऊदी अरब)     

2007    राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (रूस)     

2008    राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी  (फ्रांस)    

2009    राष्ट्रपति नूरसुल्तान नजरबायेव  (कजाखस्तान)    

2010    राष्ट्रपति ली मयूंग बाक (दक्षिण कोरिया)     

2011    राष्ट्रपति सुसिलो बांम्बांग युधोयोनो ( इंडोनेशिया)     

2012    प्रधानमंत्री यिंगलुक शिनावात्रा (थाईलैंड)      

2013    राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक (भूटान)      

2014    प्रधान मंत्री शिन्जो आबे (जापान)      

2015    राष्ट्रपति बराक ओबामा (संयुक्त राज्य अमेरिका)    

2016    राष्ट्रपति फ्रेंकोइस होलैंड (फ्रांस)    

2017    क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाहयान (संयुक्त अरब अमीरात)  

2018   थाईलैंड के प्रधानमंत्री जनरल प्रायुत चान-ओ-चा 

म्यांमार की सर्वोच्च नेता आंग सान सू की

ब्रुनेई के सुल्तान हसनअल बोल्किया

कंबोडिया के पीएम हुन सेन

इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो

सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सियन लूंग

मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब रजाक

  वियतनाम के प्रधानमंत्री न्गुयेन शुयान फुक 

  लाओस के प्रधानमंत्री थॉन्गलौन सिसोलिथ

  फिलीपींस के राष्ट्रपति ड्रिगो दुतेर्ते

2019 दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सायरिल रामाफोसा