Archana S Shukla

  • अवसाद से बाहर निकालने के लिए किए जाएंगे प्रयास
  •  छात्र-छात्राओं की सुनी जाएंगी समस्याएं

(लखनऊ/VMN) देश में  छात्र-छात्राओं  द्वारा आत्महत्या करने के मामले काफी बढ़ते जा रहे हैं। कहीं नंबर कम तो कहीं एक नंबर पर बने रहने की होड़ ने छात्र-छात्राओं में एक तरह का मानसिक असंतुलन पैदा कर  दिया है। इस ओर गंभीरता  दिखाते हुए  उत्तर प्रदेश सरकार ने बेसिक स्कूलों में इनकी काउंसलिंग  करवाने का मन बना रही है।

किशोरों में लगातार बढ़ रही आत्महत्या की घटनाओं को देखते हुए प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर बेसिक के स्कूलों में भी काउंसलिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिये बेसिक शिक्षा मंत्री ने भी हरी झंडी दिखा दी है। पढ़ाई व अन्य व्यक्तिगत समस्याओं को लेकर किशोरों में आये दिन आत्महत्या के मामले देखने को मिल रहे हैं, बेसिक शिक्षा के बच्चे भी इन घटनाओं से अछूते नहीं है। वह या तो स्कूल ही छोड़ देते  है या फिर मौत को गले लगा लेते हैं। इस गंभीर समस्या को देखते हुए शासन स्तर पर जूनियर स्कूलों में काउंसलर रखने की योजना बनाई गई है।  ये काउंसलर ब्लॉक स्तर पर रखे जाएंगे जो एक दो दिन या फिर जरूरत के हिसाब से बच्चो की काउंसलिंग कर उनको अवसाद मुक्त करेंगे और उनकी समस्याओं को भी सुनेंगे ताकि उनके मन में चल रहे  उथलपुथल को दूर किया जा सके। बच्चों को स्कूल में स्वास्थ्य वातावरण देने के लिये पढ़ाई के साथ ही खेलकूद, चित्रकला, गायन, नृत्य आदि रचनात्मक गतिविधियों का भी आयोजन किया जाएगा ताकि बच्चे एक दूसरे से घुल मिल स्क्रीन और किसी भी बुरे ख्याल को न लाये। इसी के साथ बच्चों के पठन पाठन को भी रुचिकर बनाया जाएगा। काउंसलर निजी संगठनों,  समाजसेवियों, एनजीओ के सहयोग से बुलाए जाएंगे ताकि इसके लिए राज्य सरकार पर कोई आर्थिक भार ना पड़े। 

 किसे बनाया जाएगा काउंसलर

बेसिक शिक्षा के ही सेवानिवृत्त शिक्षक अथवा अनुदेशकों को काउंसलर बनाया जाएगा, ऐसा इसलिये क्योंकि इनको पहले से ही बच्चों की मानसिकता और व्यवहार मालूम होता है। नियुक्ति से पहले इनको काउंसलिंग का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।   इस कार्य के लिए राज्य सरकार द्वाराकिसी भी प्रकार का कोई भुगतान नहीं दिया जाएगा। यह कार्य देश के नौनिहालों के भविष्य को सुरक्षित और सुंदर बनाने के लिए किए जाने का मन बनाया जा रहा है। 

 

बेसिक के आंकड़े

स्कूलों की संख्या              1 लाख 59 हज़ार

छात्र-छात्राओं की संख्या    1 करोड़ 75 लाख

शिक्षक की संख्या            5 लाख 75 हज़ार

 सामाजिक  संगठनों से लेंगे सहयोग:  बेसिक शिक्षा मंत्री

सामाजिक संगठनों से आव्हान किया है कि वह बच्चों की काउंसलिंग करने में सहयोग करें, हालांकि जो शिक्षक पढ़ा रहे हैं उनसे भी ये कहा गया है कि वह बच्चों के व्यवहार पर नज़र रखे और उनकी उचित काउंसलिंग कर उनका मार्गदर्शन करें” (सतीश कुमार द्वेवेदी, बेशिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  उप्र सरकार )