नन्हे वैज्ञानिकों को मेंटर शिप व अविष्कार पेटेंट भी कराएंगे: इसरो वैज्ञानिक
- राज्य स्तरीय इंस्पायर अवॉर्ड मानक प्रदर्शनी में इसरो के वरिष्ठ वैज्ञानिक एसके पांडे ने किया बच्चों से वादा
- 213 प्रतिभागी विज्ञान मॉडल के साथ हुए शामिल, 32 मॉडल को राष्ट्रीय स्तर प्रतियोगिता के लिए चुना गया
- अब प्रत्येक बच्चे को मॉडल को मूर्त रूप देने के लिए दिए जाएंगे 50-50 हज़ार रुपए
Archana Sharma
(लखनऊ /VMN) बच्चों की रुचि अगर किसी कार्य में है तो उन्हें प्रोत्साहित करें उनको आगे बढ़ने में मदद दे। यहां बच्चों ने सीमित संसाधनों में अविष्कारों के मॉडल बनाकर जो प्रशंसनीय कार्य किया है वह सराहनीय है। आगे उनको इसरो के विशेषज्ञों की राय भी दी जाएगी। प्रतिभागियों को प्रोत्साहित करते हुए यह बातें भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वरिष्ठ वैज्ञानिक एसके पांडे ने कही। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर चयनित प्रोजेक्ट वाले प्रतिभागियों को इसरो की तरफ से मेंटरशिप दी जाएगी साथ ही जो प्रोजेक्ट औद्योगिक, सामाजिक गतिविधियों में इस्तेमाल करने योग्य होंगे उन्हें पेटेंट भी कराया जाएगा।
श्री पांडे ने कहा कि वह विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार नई दिल्ली एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय इंस्पायर अवार्ड प्रदर्शनी एवं प्रोजेक्ट प्रतियोगिता में बतौर निर्णायक मंडल में शामिल हुए थे। प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बच्चों में सवाल पूछने की आदत होनी चाहिए। उन्हें अपने प्रश्नों के जवाब अध्यापकों से प्राप्त करने चाहिए। अपनी सोच को आगे बढ़ाना चाहिए। इस मौके पर उन्होंने प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ विक्रम साराभाई की जन्म सती से संबंधित जानकारी भी दी। उन्होंने कहा कि आगे समय ऐसा आएगा कि भारत की प्रतिभा का पूरे विश्व में लोग लोहा माना जाएगा।
प्रतियोगिता का आयोजन लखनऊ इंदिरा नगर सेक्टर 14 स्थित रानी लक्ष्मी बाई मेमोरियल स्कूल में किया गया। जिसमें कुल 213 प्रतिभागियों ने अपने-अपने मॉडल के साथ हिस्सा लिया। सभी प्रतिभागियों को कड़ी टक्कर देते हुए 32 प्रतिभागियों ने राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में जगह बनाई. इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, विशिष्ट अतिथि बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी, एनबीआरआई के वैज्ञानिक संजीव ओझा, संयुक्त शिक्षा निदेशक सुरेंद्र कुमार, जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ दिनेश कुमार सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ अमरकांत सिंह, मंडली विज्ञान प्रगति अधिकारी डॉ दिनेश कुमार के साथ ही विभिन्न जिलों से आए छात्र छात्राओं के साथ उनकी शिक्षक शिक्षिकाएं व माता पिता भी मौजूद रहे।
रट्टू तोता मत बनो: उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा
इस मौके पर उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने बच्चों से कहा कि रट्टू तोता न बने। उन्होंने स्वयं का उदाहरण देते हुए कहा कि अपने स्कूल के दिनों में आमतौर पर से 4 घंटे पढ़ते थे लेकिन जब परीक्षा आती थी तो सिर्फ 2 घंटे ही पढ़ते थे। परीक्षा के दौरान कभी भी वह देर तक नहीं पढ़ते थे। उन्होंने कहा कि परीक्षा के दौरान बच्चे जब देर तक पढ़ते हैं या सुबह 4:00 बजे उठकर पढ़ते हैं तो उनकी सेहत खराब होने लगती है दरअसल आम तौर पर बच्चों को देर तक पढ़ने की और सुबह जल्दी उठकर पढ़ने की आदत नहीं होती है। जब परीक्षा के दौरान अपने नियमित दिनचर्या को बदलते हैं तो वह बीमार पड़ जाते हैं और तनाव से ग्रसित हो जाते हैं। इस वजह से उनके अच्छे नंबर भी नहीं आ पाते। उन्होंने कहा कि परीक्षा के दौरान बिल्कुल तनावमुक्त रहिए और अपने नियमित दिनचर्या को बिल्कुल भी न बदलें। बच्चों को हमेशा अपने ऊपर आत्मविश्वास होना चाहिए कि जब वह परीक्षा केंद्र जाएं तो वह हमेशा यही सोचे कि इनको सब कुछ आता है और वह सारे प्रश्नों के उत्तर दे देने में समर्थ होंगे।
क्या-क्या रहे बच्चों के नए अविष्कार…..
मोहिनी शर्मा (ग्लूकोस अलार्म) संस्कृति सक्सेना (स्ट्रेस मीटर), कौशल कुमार (हैंडल एंड स्टेप लॉक सिस्टम इन बस ), तनवी गुप्ता (ऑलपरपज जैकेट), आर्यन यादव (मैथ टाइम ऐप), दक्ष अग्रवाल (एग्रो प्री पेपर), प्रज्ञा श्रीवास्तव (ट्रिपल स्पेक्टाकल्स), आदित्य राज चोपड़ा ( भी बडी फॉर ब्लाइंड एंड विजुअली इंपेयर्ड ), अमित कुमार (रोड एक्सीडेंट अलर्ट अलार्म ), शशांक गणेश (प्रपोजल टू इफेक्टिवली वी यूज वेस्ट वाटर जेनरेटेड फ्रॉम आरओ वाटर प्यूरीफायर), अभिषेक वर्मा (एग्रीकल्चरल इरीगेशन प्लांट), मोनिका कुमारी (मल्टी पर्पस फार्मिंग मशीन) आशीष कुमार ( लो कॉस्ट टॉयलेट मशीन यूरिनल्स यूजिंग वेस्ट प्लास्टिक बॉटल्स), ओजस गुप्ता (सोलर ट्रैकर), इशिका (स्मार्ट स्कूल मैनेजमेंट सिस्टम), कुमार कार्तिकेय (गंगा योजना) की तरह ही इशिता, कुमार कार्तिकेय, अनुभूति तिवारी, अर्पित दत्त तिवारी, संकर्षण रंजन, अमर अग्रवाल, विवेक यादव, तनुष्का गुप्ता, विदुषी ढाका, मोहम्मद साहिल, उधम सिंह, रागनी देवी, आशुतोष पांडे, यतींद्र, सनी कुमार, कुंवर दिव्यांश सिंह, विशाल यादव, अमितोज सिंह ने भी एक से बढ़कर एक नए अविष्कारों के मॉडल की प्रस्तुति दी.यह छात्र-छात्राएं क्रमशः आगरा, बरेली, एटा, गौतम बुध नगर, गौतम बुद्ध नगर, गौतम बुद्ध नगर. गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, कानपुर देहात, कानपुर नगर. खीरी, हाथरस, मुरादाबाद, मुरादाबाद, सहारनपुर, सीतापुर, सीतापुर, वाराणसी, वाराणसी, मुरादाबाद, जालौन, हरदोई, पीलीभीत, गोंडा, लखनऊ, जालौन, अंबेडकर नगर, मथुरा, आगरा, लखनऊ, बरेली, बरेली जिले के स्कूलों से आए थे।
जाम में नहीं फंसेगी एंबुलेंस
शुक्लागंज के गंगा प्रसाद मेहता सरस्वती विद्या मंदिर गंगा प्रसाद मेहता सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज कक्षा सात की छात्रा आस्था मिश्रा ने अप एंड डाउन एंबुलेंस कार का मॉडल प्रस्तुत कर जानकारी दी कि इस मॉडल से जाम से निजात मिल सकेगी। दरअसल कई बार जाम में फंसकर एंबुलेंस मैं गंभीर मरीजों की मृत्यु तक हो जाती है। ऐसे में छात्रा ने एंबुलेंस के जरिए इस समस्या से निजात दिलाने की कोशिश की है। छात्रा ने बताया कि अगर जाम होगा तो किस तरह यह कार ऊपर उठ जाएगी और अन्य गाड़ियों के ऊपर से होते हुए जाम से बाहर आ जाएगी।
ग्लूकोस की बोतल खत्म होते ही बजेगा अलार्म
राजकीय हाई स्कूल जय नगर शमशाबाद आगरा की छात्रा मोहिनी शर्मा ने ग्लूकोज अलार्म मॉडल की प्रस्तुति दी। छात्रा ने बताया कि अक्सर मरीज को ग्लूकोज चढ़ाया जाता है तो ग्लूकोस की बोतल खाली होने पर जरा सी लापरवाही के चलते मरीज सेहत को खासा एक साथ आना पड़ता है। ऐसे में यह ग्लूकोस अलार्म बोतल खाली होने से पहले ही बज जाएगा और मरीज की जान को खतरा होने नहीं होगा।