• यूपी एटीएस ने 2017 में गिरफ्तार कर विभिन्न धाराओं में दर्ज किया था मुकदमा 
  • इन तीनों का बांग्लादेश के प्रतिबंधित संगठन अंसारुल बांग्ला टीम से भी था संबंध
  • तीनों फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सहारनपुर में बनाए हुए थे अपना ठिकाना
  • विशेष न्यायधीश (एससी/एसटी एक्ट) ने तीनों अभियुक्तों को सुनाई है सजा

(लखनऊ/VMN) फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भारत में रह रहे 3 बांग्लादेशियों को आज विशेष न्यायधीश (एससी/एसटी एक्ट) द्वारा 3 अभियुक्तों को विभिन्न धाराओं का दोषी मानते हुए सजा सुनाई है। इन तीनों को एटीएस ने 2017 में लखनऊ जंक्शन रेलवे स्टेशन अमृतसर हावड़ा एक्सप्रेस से उस समय गिरफ्तार  किया था जब यह लोग फरार होने की फिराक में थे। इन तीनों का बांग्लादेश के प्रतिबंधित संगठन अंसारुल बांग्ला टीम से भी संबंध था।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रह रहे तीन बांग्लादेशियों मो. फिरदौस पुत्र अब्दुल ख़ालिक, इमरान पुत्र अब्दुल ख़ालिक व फरीदुद्दीन पुत्र अब्दुल ख़ालिक की सूचना यूपी एटीएस को  2017 में मिली थी। मुखबिर की मिली सूचना के आधार पर एटीएस ने इनके सहारनपुर के ठिकानों पर छापेमारी की। यह तीनों उससे पहले ही यह लोग वहां से भाग निकले। यूपी एटीएस ने इनको ट्रेस करते हुए लखनऊ जंक्शन पर खड़ी अमृतसर हावड़ा एक्सप्रेस से गिरफ्तार कर लिया था। इन तीनों के खिलाफ थाना एटीएस, लखनऊ में धारा 420, 467, 468, 120बी भादवि व 18/19 यूए (पी) एक्ट  में दर्ज किया गया था l यूपी एटीएस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए द्वारा प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए उक्त मुकदमें की सघन पैरवी की गयी और सभी तथ्यों को माननीय न्यायलय के समक्ष मजबूती से रखा गया l आज दिनांक 16.01.2020 को इस अभियोग में माननीय न्यायालय, विशेष न्यायधीश (एससी/एसटी एक्ट) द्वारा 3 अभियुक्तों को विभिन्न धाराओं का दोषी मानते हुए सजा सुनाई है l

इन तीनों अभियुक्तों को धारा 420 भादवि के लिए 2-2 वर्ष का साधारण कारावास व 5-5 हज़ार रुपए जुर्माना, धारा 467 भादवि के लिए 5-5 वर्ष का सश्रम कारावास व 5-5 हज़ार  रुपए जुर्माना, धारा 468 भादवि के लिए 4-4 वर्ष वर्ष का सश्रम कारावास व 5-5 हज़ार रुपए जुर्माना, धारा 120(बी) भादवि के लिए 3-3 वर्ष का सश्रम कारावास व 2-2 हज़ार रुपए जुर्माना, धारा 14 विदेशी अधिनियम के लिए 3-3 वर्ष का सश्रम कारावास व 2-2 हज़ार रुपए जुर्माना से दण्डित किया गया l कारावास की सजा एक साथ चलेगी व जुर्माने की राशि जुड़ेगी तथा जुर्माना न अदा करने की स्थिति में प्रत्येक धाराओं में 6-6 माह का अतिरिक्त कारावास काटना होगा l इस प्रकार अलग-अलग धाराओं में विशेष न्यायधीश (एससी/एसटी एक्ट) द्वारा कुल 5-5 वर्ष के कारावास व 19 हजार रुपए के अर्थदंड से दण्डित किया गया है l

यह भी बताते चलें कि यह तीनों बांग्लादेश के नागरिक होते हुए भारत में अवैध रूप से बिना वीज़ा व पासपोर्ट के ही प्रवेश कर मदरसा तामिल कुरान, बन्हेड़ाख़ास, देवबन्द, सहरानपुर, भारत में निवास कर रहे थे l इन तीनों का बांग्लादेश के प्रतिबंधित संगठन अंसारुल बांग्ला टीम से भी संबंध था।

यह है सजा प्राप्त बांग्लादेशी 

(1) मो. फिरदौस पुत्र अब्दुल ख़ालिक  

      मूल निवासी: पन्थापाड़ा सुट्टी घाता, थाना-कोतवाली,

      जनपद-जसौर विभाग खुलना, बांग्लादेश।

      हाल पता: मदरसा तालिमुल कुरान, बनेड़ा ख़ास, देवबन्द, सहारनपुर, उप्र।

(2) इमरान पुत्र अब्दुल ख़ालिक

      मूल निवासी: पन्थापाड़ा सुट्टी घाता, थाना-कोतवाली,

      जनपद-जसौर विभाग खुलना, बांग्लादेश। 

      हाल पता: मदरसा तालिमुल कुरान, बनेड़ा ख़ास, देवबन्द, सहारनपुर, उप्र।  

(3) फरीदुद्दीन पुत्र अब्दुल ख़ालिक

      मूल निवासी: पन्थापाड़ा सुट्टी घाता, थाना-कोतवाली,

      जनपद-जसौर विभाग खुलना, बांग्लादेश।

                             हाल पता: मदरसा तालिमुल कुरान, बनेड़ा ख़ास, देवबन्द, सहारनपुर, उप्र।