19 से होने जा रहे रेड जोन में मूल्यांकन कार्य के विरोध में एकजुट हुए माध्यमिक शिक्षक

18 May 2020, Monday

(लखनऊ/VMN) जुबिली इण्टर कालेज, गोरखपुर मूल्यांकन केन्द्र से मूल्यांकन के बाद घर लौटी भगवती कन्या इण्टर कालेज, गोरखपुर की शिक्षिका गिरजेश पाण्डेय का निधन होने से पूरे शिक्षक समाज में शोक की लहर दौड़ गई है। शिक्षक उनकी मौत का कारण तनाव को मान रहे हैं और इसका जिम्मेदार प्रदेश के शासन व शिक्षा विभाग को मान रहे हैं। 

माध्यमिक शिक्षकों का आरोप है कि तमाम मांगों के बावजूद भी सरकार मूल्यांकन केंद्र पर आकर ही मूल्यांकन कराए जाने की जिद्द पर अड़ी हुई है जबकि शिक्षकों में पहले ही मांग की थी कि कोरोना महामारी को देखते हुए उत्तर पुस्तिकाएं शिक्षकों के घर मूल्यांकन के लिए भिजवाई जाएं लेकिन ऐसा सरकार द्वारा नहीं किया गया और ग्रीन व ऑरेंज जोन में मूल्यांकन कार्य शुरू भी करा दिया गया। इन क्षेत्रों में भी महिला शिक्षकों के आने जाने का साधन सुगमता से उपलब्ध नहीं है। ऐसे में तमाम तनाव के बावजूद मूल्यांकन के लिए शिक्षक शिक्षिकाएं मूल्यांकन केंद्र जा रहे हैं। सबसे ज्यादा शिक्षिकाओं को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। सरकार का जी इससे भी नहीं भरा तो रेड जोन में भी 19 मई से मूल्यांकन कार्य शुरू किए जाने की घोषणा कर दी। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब आने जाने के साधन सुगमता से उपलब्ध नहीं हैं तो शिक्षक शिक्षिकाएं मूल्यांकन केंद्रों तक कैसे पहुंचेंगे। साथ ही इस महामारी का जो डर लोगों के अंदर व्याप्त है उस तनाव के साथ भला एकाग्र होकर किस तरह काम करेंगे। गोरखपुर में हुई शिक्षिका की मौत इन तमाम बातों का सुबूत है। शिक्षिका के निधन पर उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा ने गहरा शोक  व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आवागमन एवं कार्यकीय तनावपूर्ण परिस्थितियों के कारण ही उनकी मौत हुई है। वह अपने आवास पर पहुंचते हुए तनाव की स्थिति अनुभव कर रही थीं एवं कुछ ही समय में उसी तनाव की स्थिति में अस्पताल पहुंचने पर उनका निधन हो गया।

एकजुट होकर मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार करें: ओम प्रकाश शर्मा 

संगठन के प्रदेशीय मंत्री एवं प्रवक्ता डा आरपी मिश्र ने बताया कि अध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा ने प्रदेश के शिक्षकों से अपील की है कि सभी शिक्षक एकजुट होकर मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार करें जो साथी इस आंदोलन में शामिल नहीं हो सकते उनके  तथा उनके परिवारों की सुरक्षा के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हैं।

किसी और बोर्ड से हमारी तुलना नहीं : प्रमुख सचिव

किसी और बोर्ड के साथ उत्तर प्रदेश बोर्ड की तुलना नहीं की जा सकती क्योंकि उत्तर प्रदेश बोर्ड में 57 लाख विद्यार्थी और साढ़े तीन करोड़ कॉपी हैं जबकि अन्य बोर्ड की इससे कहीं कम हैं। यह बात प्रमुख सचिव, माध्यमिक शिक्षा परिषद आराधना शुक्ला ने वंदे मातरम न्यूज़ से फोन पर हुई वार्ता के दौरान कही। उन्होंने कहा कि ऐसे में कापियों को घर भेज कर मूल्यांकन कार्य कराना संभव नहीं है क्योंकि कॉपियों को शिक्षकों के घर तक भिजवाने व मंगवाने के संसाधन भी नहीं हैं। रही बात गोरखपुर में हुईं एक शिक्षिका के निधन की तो उनको हार्ट की प्रोब्लम पहले से थी। निजी समस्या तो किसी को भी हो सकती है। 

विभाग एक-एक महिला की व्यवस्था कराएगा : प्रमुख सचिव

प्रमुख सचिव, माध्यमिक शिक्षा परिषद आराधना शुक्ला ने कहा है कि अगर किसी महिला शिक्षक को कहीं समस्या आ रही है तो मुझ तक बात ज़रूर पहुंचाए उनकी बात सुनी जाएगी। विभाग एक-एक महिला की व्यवस्था कराएगा।