•  इसके मंथन के लिए आयोजित किया जा रहा है तीन दिवसीय भारतीय भाषा महोत्सव
  • देश भर के 700 से अधिक हिंदी भाषी व गैर हिंदी भाषी विद्वान लेंगे हिस्सा
  • पुस्तक मेले का भी होगा आयोजन जिसमें साहित्यिक पुस्तकों की होगी प्रदर्शनी

(लखनऊ/VMN) मेडिकल और इंजीनियरिंग के साथ ही उन तमाम उच्च शिक्षा के शैक्षिक पाठ्यक्रम जो विद्यार्थियों के अध्ययन में असुविधा उत्पन्न करते हैं उन पाठ्यक्रमों को जल्द ही मातृभाषा में अनुवादित किया जाएगा। इसका प्रयास उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान द्वारा किया जा रहा है। 22, 23 एवं 24 फरवरी को इसी प्रयास को मूर्त रूप देने के लिए संस्थान व हिंदी एवं आधुनिक भारतीय भाषा विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में भारतीय भाषा महोत्सव 2020 का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में कई भाषाओं के साथ 100 से अधिक विद्वान, शोधार्थी, वरिष्ठ साहित्यकार आदि  हिस्सा लेंगे।

उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान द्वारा प्रदेश सरकार की भाषा संबंधी योजनाओं एवं क्रियाकलापों को संपादित कर एवं आम जनमानस में भाषाई समन्वय स्थापित करने के उद्देश्य से ही इस तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम का आयोजन लखनऊ विश्व विद्यालय में स्थित मालवीय सभागार, एपी सेन हाल व डीपीए हाल में होगा। यह जानकारी संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ राज नारायण शुक्ल ने दी। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम देशभर के विद्वान जुटेंगे। गैर हिंदी भाषी क्षेत्रों से करीब 700 से अधिक विद्वान एवं शोधार्थी भी हिस्सा लेंगे। इसमें मुख्य रूप से वरिष्ठ साहित्यकार एवं भाषाई विद्वान मृदुला गर्ग, चित्रा मुद्गल, सूर्यबाला, नीरजा माधव, रजनीश शुक्ला, प्रोफेसर टीआर भट्ट, प्रोफेसर शेषा रत्नम, कुलदीप अग्निहोत्री, मन्नार वेंकटेश्वर आदि उपस्थित रहेंगे। इस मौके पर राजभाषा हिंदी, देवनागरी, भारतीय भाषाएं, जनपदीय बोलियां, अनुवाद विज्ञान,  संचार प्रौद्योगिकी, लोकवानग्या, विज्ञान लेखन, कोस विज्ञान, संकलन संपादन कला, सृजनात्मक लेखन प्रक्रिया, विश्व हिंदी, दलित स्त्री विमर्श, आदिवासी दिव्यांग विमर्श, अप्रवासी विमर्श, कंप्यूटरीकरण, पुराख्यानों का आधुनिकीकरण, समकालीन कविता, कथा साहित्य, नाटक रंगमंच, शोध समीक्षा, पाठानुसंधान, अंतरविद्यापरक समीक्षा ज्ञान का साहित्य सहित 30 से अधिक समानांतर गोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा। इस मौके पर पुस्तक मेले का भी आयोजन होगा, जिसमें मुख्य रुप से राजकमल प्रकाशन प्रभात प्रकाशन वाणी प्रकाशन राजपाल प्रकाशन किताब घर प्रकाशन भारतीय ज्ञानपीठ साहित्य भंडार एआर पब्लिशिंग कंपनी, विकास पब्लिशर्स एंड डिसटीब्यूटर्स रोहित बुक स्टॉल आदि साहित्य से संबंधित पुस्तकें उपलब्ध रहेंगी। वरिष्ठ साहित्यकार डॉ सूर्य प्रसाद दीक्षित ने बताया कि भारतीय भाषा महोत्सव 2020 में देश भर के विद्वानों को आमंत्रित किया जा रहा है। इसके साथ ही प्रदेश में बोलियों  के अस्तित्व पर आ रहे संकट को दृष्टिगत रखते हुए उनके पुनर्जीवन पर भी मंथन किया जाएगा। कार्यक्रम संयोजक प्रो. योगेंद्र प्रताप सिंह अध्यक्ष, हिंदी भारतीय भाषा विभाग तथा आयोजन सचिव प्रोफेसर पवन अग्रवाल हिंदी विभाग द्वारा संपादित किया जाएगा।