विद्यार्थियों के लिए UGC ने उठाया ये कदम
- Covid-19 से प्रभावित हुई उच्च शिक्षा के लिए 20 विषयों के 70 हज़ार कनटेंट
- विद्यार्थियों को ऑनलाइन मुहैया कराई जाएगी निःशुल्क पूरी पाठ्य सामग्री
(लखनऊ/VMN) Covid-19 के चलते गंभीर रूप से प्रभावित हुई उच्च शिक्षा और अधर में पड़े विद्यार्थियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए UGC ने सराहनीय कदम उठाते हुए ई पाठशाला वेबसाइट शुरू की है। इस सम्बन्ध में डॉ हरि सिंह गौर केंद्रीय विवि सागर मध्य प्रदेश में समाजशास्त्र एवम् समाजकार्य विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर डीएस राजपूत ने विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ई कनटेंट विकसित करना एक कला है। सर्वप्रथम उसकी विषय वस्तु का चयन करने से लेकर छाया चित्रांकन तक अत्यन्त विवेक की आवश्यकता होती है। विषय वस्तु में क्रम बद्धता का होना नितांत आवश्यक है। विषय वस्तु के प्रस्तुतीकरण में लयबद्धता होनी चाहिये जिससे वह बोझिल और दूरूह न बन जाये।
प्रोफेसर राजपूत ने बताया कि यूजीसी की ई पाठशाला वेब साइट पर बीस विषयों के लगभग सत्तर हज़ार कनटेंट अपलोड हैं जिन्हें फ़्री में ऐक्सेस किया जा सकता है। इसी के साथ उन्होंने ये भी कहा कि इसलिए महामारी के दौर में शिक्षा के क्षेत्र में अत्यंत चुनौतियां उत्पन्न हो रही हैं । शिक्षण की परम्परागत अवधारणा में बदलाव आ रहा है। चाहें क्लास रूम शिक्षण हो या दूरस्थ शिक्षा पद्धति सभी को समय के अनुसार चलना होगा। आन लाइन शिक्षण अपनाना होगा तथा ई कनटेंट को कैसे विकसित किया जाये इसे गम्भीरता से सोचना होगा। वह इंदिर गांधी राष्ट्रीय मुक्त विवि के लखनऊ क्षेत्रीय केन्द्र एवम नेताजी सुभाषचंद्र बोस राजकीय महिला पीजी कालेज के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित एक वेबिनार में बतौर मुख्य वक्ता मौजूद होकर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि ई कनटेंट अपलोड करते समय बौधिक़ सम्पदा क़ानून का भी ध्यान रखना होगा, जिससे किसी वैधानिक परेशानी से बचा जा सके। विशिष्ट वक्ता ईएमआरसी सागर मध्य प्रदेश के निदेशक प्रोफेसर पंकज तिवारी ने ई कनटेंट के तकनीकी एवम वैधानिक पहलुओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि विडीओ पीपीटी आदि अपलोड करते समय अपनी आवाज़ तथा बॉडी लैंग्विज का विशेष ध्यान रखना होता है। उन्होंने कहा कि आदर्श विडीओ तीस मिनट का होना पर्याप्त है। श्री तिवारी ने कहा कि आवाज़ सरस लयबद्ध तथा सपाट होनी चाहिये।
कार्यक्रम की संरक्षक के रूप में इग्नु क्षेत्रीय केन्द्र लखनऊ की निदेशक डॉ मनोरमा सिंह तथा कालेज की प्राचार्य प्रोफेसर अनुराधा तिवारी ने भी वेबिनार को सामयिक तथा सार्थक बताया। मुख्य रूप से समन्वयक डॉ कीर्ति विक्रम सिंह, डॉ जयप्रकाश वर्मा ने वेबिनार का कुशलता पूर्वक सफल संचालन किया।