शौर्य के पराक्रम का गवाह बना राजपथ
- 71 वें गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति व मुख्य अतिथि ने ली सलामी
- महिला सैनिकों के हैरतअंगेज करतब देख लोग हुए हतप्रभ
Archana Sharma
रविवार को देश का 71 वां गणतंत्र दिवस हर साल की तरह इस बार भी देश के वीर सपूतों की शौर्य गाथा के साथ मनाया गया। दिल्ली राजपथ पर हर बार की तरह इस बार भी परेड मे शानदार आयोजन हुआ मगर कई आयोजन ऐसे थे जो पहली बार देखने को मिले। राजपथ पर देश की तीनों सेनाओं ने गौरवमई उपस्थिति दर्ज कराई तो दूसरी ओर पहली बार महिला सैनिकों ने हैरतअंगेज करतब की प्रस्तुति दी। इस बार गणतंत्र दिवस की परेड के मुख्य अतिथि ब्राजील के राष्ट्रपति जैर बोलसोनारो रहे व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने परेड की सलामी ली।
देश की तीनों सेनाओं के जांबाज सैनिकों के साथ ही महिला सैनिकों ने भी हैरतअंगेज करतब की प्रस्तुति देकर उपस्थित लोगों को चकित कर दिया तो वहीं राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मुख्य अतिथि ब्राजील के राष्ट्रपति जैर बोलसोनारो का गर्मजोशी के साथ स्वागत करते हुए कहा कि वाकई में यह अवसर भारत ब्राजील संबंधों के लिए बहुत ही खास है। उन्होंने कहा कि भारत और ब्राज़ील करीबी दोस्त और रणनीतिक साझेदार है, उन्होंने कहा भारत और ब्राज़ील की आर्थिक संबंध भी एक नई दिशा की ओर बढ़ रहे हैं। हमारी मुलाकात इसे और भी आगे ले जा सकती है। राष्ट्रपति ने कहा कि व्यापार और निवेश के क्षेत्र में दोनों पक्षों के लिए काफी अच्छी संभावनाएं हैं। भारतीय कंपनियां ब्राजील में सूचना प्रौद्योगिकी, ऑटोमोबाइल और ऊर्जा क्षेत्र में सक्रिय हैं। हम “मेक इन इंडिया” के शुरुआती दौर में तेजी लाने के लिए रक्षा और खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में ब्राजील की विशेषज्ञता का लाभ उठाने के इच्छुक हैं। हम अपने आर्थिक कार्यक्रमों में ब्राजील की कंपनियों को भागीदार बनाने के लिए आमंत्रित करते हैं। हमारी कंपनियों के लिए अक्षय ऊर्जा, जैव प्रौद्योगिकी और पशुपालन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। इस मौके पर राष्ट्रपति द्वारा मुख्य अतिथि के लिए भोज का आयोजन किया गया, जिसमें राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और ब्राज़ील ने मजबूत ऐतिहासिक आधार पर एक बहुआयामी साझेदारी स्थापित की है जो तमाम लोगों के लिए प्रेरणा का काम करेगी। उन्होंने कहा कि हम एक ऐसी अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का निर्माण करने को वचनबद्ध है जो नई वैश्विक वास्तविकता को प्रतिबंधित करेगी उन्होंने कहा कि हम वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए बहुपक्षवाद को मजबूत करने और अपने लोगों के लिए सुरक्षित दुनिया के निर्माण के लिए, आतंकवाद से लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ब्रिक्स से लेकर द्विपक्षीय मंचों तक हमारे पास एक अग्रगामी एजेंडा है राष्ट्रपति ने कहा कि अतीत की असमानताओं से निपटने के साथ ही हमें अपनी भावी पीढ़ियों के लिए दीर्घकालिक विश्व का निर्माण करना होगा।
इस मौके पर कई राजनीतिक हस्तियां भी परेड देखने पहुंची जिसमें अपनी पत्नी के साथ पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, गुलाम नबी आजाद, जेपी नड्डा आदि रहे।
राष्ट्रपति का राष्ट्र के नाम संदेश
71वे गणतंत्र दिवस पर राष्ट्र के नाम संदेश में राष्ट्रपति ने देश और देश के बाहर रह रहे देशवासियों को शुभकामना देते हुए आजादी के इतिहास के साथ ही गणतंत्र के इतिहास की जानकारी दी। साथ ही विधायिका कार्यपालिका और न्यायपालिका के कार्यों का भी ज़िक्र किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हमें संविधान एक आदर्शों का अनुपालन करना चाहिए तभी हम महात्मा गांधी जी की 150वीं जयंती को और भी सार्थक आयाम दे सकेंगे। इस मौके पर उन्होंने सरकार द्वारा चलाए जा रहे जनकल्याणकारी अभियानों का भी उल्लेख किया, जैसे स्वच्छ भारत अभियान, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना, सौभाग्य योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना, आयुष्मान भारत, औषधि योजना आदि का विस्तार से जिक्र किया साथ ही बताया कि भरते हुए जल संकट का प्रभावी ढंग से सामना करने के लिए जल शक्ति मंत्रालय का गठन भी सरकार द्वारा किया गया तथा जल संरक्षण एवं प्रबंधन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि मुझे भरोसा है कि जल जीवन मिशन भी स्वच्छ भारत अभियान की तरह ही एक जन आंदोलन का रूप लेगा। इसी के साथ उन्होंने जीएसटी का जिक्र करते हुए कहा कि इसके लागू होने से एक देश, एक कर, एक बाजार की अवधारणा को साकार रूप मिल सका है। इसी के साथ ई -नाम योजना द्वारा भी एक राष्ट्र के लिए एक बाजार बनाने की प्रक्रिया मजबूत की जा रही है जिससे किसानों को लाभ पहुंचेगा। हम देश के हर हिस्से के संपूर्ण विकास के लिए के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। चाहे वह जम्मू-कश्मीर व लद्दाख हो पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्य हो या हिंद महासागर में स्थित हमारे द्वीप समूह हो. इस अवसर पर राष्ट्रपति ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन अर्थात इसरो की उपलब्धियां भी देशवासियों के सामने गिनाई और कहा कि हमें अपने इसरो की टीम पर गर्व है। इसरो की टीम अपने मिशन गगनयान में आगे बढ़ रही है और सभी देशवासी इस वर्ष भारतीय मानव अंतरिक्ष यान कार्यक्रम के और तेज गति से आगे बढ़ने की उत्साह पूर्वक प्रतीक्षा कर रहे हैं। इसी के साथ उन्होंने नई पीढ़ी के खिलाड़ियों व एथलीटों की प्रशंसा करते हुए कहा कि हाल कि कई खेल प्रतियोगिताओं में हमारे खिलाड़ियों ने देश का सिर ऊंचा किया है। इसी वर्ष क्यों टोक्यो में होने जा रहे ओलंपिक खेलों में भी भारतीय एथलीट व खिलाड़ी शानदार प्रदर्शन कर देश को और मजबूत करेंगे। ओलंपिक 20 की खेल प्रतियोगिताओं में भारतीय दल के साथ करोड़ों देशवासियों की शुभकामनाओं और समर्थन की ताकत मौजूद रहेगी, के पर उन्होंने देश की सेनाओं अर्धसैनिक बलों और आंतरिक सुरक्षा बलों की खुले मन से प्रशंसा की।
इनका नाम लेकर की प्रशंसा…..
राष्ट्रपति ने बताया कि इस महीने के आरंभ में उनको देश के ऐसे ही कुछ कर्मठ लोगों से मिलने और उनसे बातचीत करने का अवसर मिला। उन्होंने नाम लेते हुए नाम लेते हुए उदाहरण के तौर पर जम्मू-कश्मीर की आरिफा जान के नमदा दस्तकारी का भी ज़िक्र किया। राष्ट्रपति ने कहा कि सुश्री आरिफा ने नमदा दस्तकारी को फिर से लोकप्रिय बनाने के लिए खासे कदम उठाए जोकि सराहनीय है इसी तरह तेलंगाना में सुश्री रत्नावली कोटपल्ली ने थैलेसीमिया से प्रभावित लोगों के उपचार के लिए केरल में देवकी अम्मा ने अपने व्यक्तिगत प्रयास से वन संपदा उत्पन्न करके, मणिपुर में श्री जामखो जांग मिसाओ ने सामुदायिक विकास के लिए काम करके और पश्चिम बंगाल में श्री बाबर अली ने बचपन से ही कमजोर वर्ग के बच्चों में शिक्षा का प्रसार करने के अपने सराहनीय योगदान से लोगों के जीवन में आशा का संचार किया है। ऐसे बहुत से लोग हैं मैंने तो उनमें से केवल कुछ ही के नाम लिए हैं ऐसे लोग यह सिद्ध करते हैं कि सामान्य व्यक्ति भी अपने आदर्शों और कर्मठता के बल पर समाज में बहुत बड़ा बदलाव ला सकता है। बड़ी संख्या में ऐसे अनेक स्वैच्छिक संगठन भी है जो सरकार के साथ मिलकर राष्ट्र निर्माण के अभियान में अपना योगदान दे रहे हैं।
परेड में पहली बार….
परंपरागत परेड में पहली बार राष्ट्रीय युद्ध स्मारक को भी शामिल किया गया अभी तक प्रधानमंत्री अमर जवान ज्योति पर पुष्पांजलि अर्पित करते थे लेकिन इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युद्ध स्मारक पर जाकर देश के शहीद जवानों को नमन किया।
- सेना की ताकत मिशन शक्ति के एंटी सेटेलाइट वीपेन धनुष आर्टिलरी. चीनूक और अपाचे हेलीकॉप्टरों ने भी पहली बार परेड की शोभा बढ़ाई।
- इस बार पहली दफा कॉपर्स ऑफ आर्मी एयर डिफेंस का दल भी शामिल हुआ। साथ ही बंगाल इंजीनियऱस ग्रुप एंड सेंटर का कंबाइंड बैंड और गार्ड्स ट्रेनिंग सेंटर का ब्रिगेड भी पहली बार नजर आया।
राजपथ पर पहली बार धनुष गन सिस्टम भी दिखाई दिया। कैप्टन शेरगिल ने कापर्स ऑफ सिग्नल्स मार्चिंग दस्ते का नेतृत्व किया।
पहली बार नारी शक्ति की ताकत भी परेड में देखने को मिली। सीआरपीएफ के ऑल विमेन बाइकर्स दल ने हिस्सा लिया जिसका नेतृत्व आरएएफ की इंस्पेक्टर सीमा नाग ने किया। इन जांबाज महिलाओं ने मोटरसाइकिल पर हैरतअंगेज करतब दिखाए।
पल-पल के नजारे
- राजपथ पहुंच राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ध्वजारोहण किया और फिर 21 तोपों की उनको सलामी दी गई व राष्ट्रगान हुआ।
- राष्ट्रगान के बाद राष्ट्रपति ने सलामी लेनी शुरू की परेड कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल असित मिस्त्री ने सबसे पहले सलामी दी तत्पश्चात वीरता पुरस्कार विजेता जवानों ने सलामी दी।
- परित की शुरुआत में जमीन से हवा में मार करने वाला आकाश मिसाइल सिस्टम दिखाई दिया तत्पश्चात पैरा स्पेशल फोर्सेज का दस्ता पहुंचा जिसने दर्शकों को खासा आकर्षित किया।
- गत वर्षो की भांति इस बार भी परेड में विभिन्न प्रदेशों से पहुंची झांकियां आकर्षण का केंद्र रही इस बार कुल 22 झांकियां शामिल हुए जम्मू कश्मीर की झांकी ने समा बांध दिया इस मौके पर मंत्रालयों व कई विभागों की भी झांकियां शामिल हुईं।
- झांकियों के बाद बहादुर बच्चों का काफिला खुली जीप में राजपथ से गुजरा बच्चों व राष्ट्रपति ने हाथ हिलाकर एक दूसरे का अभिवादन किया।
- बुलेट पर अपने साहसिक करतबों के लिए मशहूर अर्धसैनिक बलों की टीम इस बार भी राजपथ पर नजर आई लेकिन खास बात यह रही कि इस बार इसकी बागडोर महिलाओं के हाथ में रही।
- परेड में झांकियों के साथ ही देश की सैन्य शक्ति ने भी चार चांद लगा दिया जिसमें तीनों सेनाओं की कई बटालियन के साथ अर्धसैनिक बलों की मैचिंग दस्ते भी शामिल हुए।
- परेड पूरी होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आम लोगों के बीच पहुंचे और उन्होंने हाथ हिलाकर सभी का अभिवादन स्वीकार किया।
सेनानियों के त्याग एवं बलिदान का स्मरण कराने के साथ हमेशा वैधानिक कर्तव्यों के प्रति सचेत करता है: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गणतंत्र दिवस पर देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि गणतंत्र दिवस स्वाधीनता सेनानियों के त्याग एवं बलिदान का स्मरण कराने के साथ हमेशा वैधानिक कर्तव्यों के प्रति सचेत करता है। यह राष्ट्रीय पर्व हमें आत्म चिंतन करने तथा महान देशभक्तों के सपनों एवं लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रतिबद्ध होने का अवसर प्रदान करता है। इसी के साथ उन्होंने सरकार की कई योजनाओं की चर्चा भी की साथ ही विश्वास व्यक्त किया कि गणतंत्र दिवस पर संविधान में दिए मूल कर्तव्य को अपने जीवन का हिस्सा बनाने एवं एक भारत श्रेष्ठ भारत के प्रति हम सब संकल्पबद्ध होंगे।
…..देश का हर नागरिक राजा है
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने गोरखपुर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में गणतंत्र दिवस के अवसर पर ध्वजारोहण किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि भारत के संविधान ने देश के हर नागरिक को राजा बनाया है इसलिए यहां पर रहने वाले प्रत्येक नागरिक राजा के समान है। उन्होंने कहा कि राजा के पास अधिकार है लेकिन अधिकारों के साथ सबके लिए अपने कर्तव्य और अनुशासन का भी पालन करना जरूरी है तभी देश को आजादी दिलाने वाले क्रांतिकारियों के सपनों के अनुरूप भारत का निर्माण हो सकेगा। इस पहल से ही ऐसे भारत का निर्माण होगा जो दुनिया और मानवता की भलाई को समर्पित होगा। उन्होंने कहा कि समर्थ वैभवशाली और परोपकारी भारत के निर्माण को ध्यान में रखकर गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। कर्तव्य बुद्धि से किया गया कार्य ही इस लक्ष्य को प्राप्त कराएगा। देश और विश्व उन्नति के मार्ग पर आगे बढ़ेगा।