ओमेगा-3 का बेहतरीन प्राकृतिक स्रोत है
अलसी और इसका तेल अद्भुत गुणों से भरपूर –     भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र के वैज्ञानिकों ने प्रायः हमारे खेतों में उगाई जाने वाली अलसी की एक नई उन्नत प्रजाति ‘टीएल-99 ‘ को सफलतापूर्वक विकसित किया है ,इसकी विशेषता यह है कि इसमें परंपरागत उगाई जाने वाले अलसी के तेल में पाए जाने वाले 35 से 67 प्रतिशत तक लिनोलेनिक एसिड की तुलना में मात्र 5 प्रतिशत लिनोलेनिक एसिड है । लिनोलेनिक एसिड की अधिकता की वजह से पुरानी परंपरागत अलसी का तेल बहुत जल्दी ऑक्सीडाइज्ड होकर खराब हो जाता था ,अब इस नई अलसी की प्रजाति के विकसित होने से इसके तेल को बड़े आराम से बहुत बड़े समयावधि तक प्रयोग कर सकते है  इस नये आविष्कृत टीएल-99 के इस गुण को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद तथा कानपुर स्थित चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने अपने गहन शोध करके इसके समुन्नत गुणों की पुष्टि कर दिया है ।
इन दोनों प्रतिष्ठित वैज्ञानिक संस्थानों के वैज्ञानिकों ने इस बात को बताया है कि इस नये परिष्कृत अलसी के तेल का प्रयोग निकट भविष्य में भारत में खाद्य तेल के रूप में बहुत ही लोकप्रिय होने वाला है , क्योंकि इस तेल में वे सभी गुण हैं जो जैतून के तेल {ऑलिव ऑयल } में होता है । इस तेल में हृदय रोगियों के लिए सबसे घातक तत्व संतृप्त और असंतृप्त वसा अम्ल बिल्कुल नहीं हैं । अतः इससे बने खाने से हृदयाघात के रोगियों को भी कोई ख़तरा नहीं है।
  अलसी के तेल में 50 से 60 प्रतिशत तक ओमेगा-3 फैटी एसिड या अल्फा लिनोनिन एसिड और लिग्नान होते हैं ,जो हृदय की बिमारियों को 90 प्रतिशत तक कम कर देता है । यह ख़राब कोलेस्ट्रॉल {एलडीएल } के स्तर को कम कर देता है । इसमें उपस्थित तत्व मानव शरीर में इंसुलिन उत्पादन को बढ़ाने को उत्प्रेरित करता है ,जिससे डायबिटीज मरीजों के लिए भी यह रामबाण औषधि कारगर सिद्ध होगी। इसमें एस्ट्रोजेनिक गुण होता है जिससे ऑस्टियोपोरोसिस की संभावना न के बराबर हो जाती है ,जिससे औरतों में अनियमित मासिक चक्र को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी । इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट तत्व कैंसर कोशिकाओं को नष्ट कर देते हैं । इसके अतिरिक्त इसमें उपस्थित विटामिन्स ,खनिज पदार्थ ,फाइबर और प्रोटीन्स में मानव मस्तिष्क कोशिकाओं की पोषण की अद्भुत क्षमता होती है ,जिससे मानव मस्तिष्क की याददाश्त की क्षमता बढ़ जाती है , यह बालों को पोषित कर उन्हें स्निग्ध और झड़ने की दर को समाप्त कर देता है ,यह कब्ज भी नहीं होने देता । इससे बदन स्लिम और छरहरा बना रहता है ।  आशा की जानी चाहिए कि भारतीय वैज्ञानिक अपनी उच्चतम् मेधाशक्ति से अलसी के तेल में उत्तरोत्तर सुधार करके भारत में इसे ऑलिव ऑयल जो बहुत मंहगा होने की वजह से आम भारतीय लोगों के पहुँच के बाहर है ,का विकल्प प्रस्तुत करके भारत में महामारी की तरह अपना पैर पसारते हृदय रोगों और शुगर रोग की रोकथाम में अपना अहम् भूमिका निभाएंगे