•  कानपुर के फेथफुल गंज क्षेत्र से एसटीएफ ने किया आतंकी गिरफ्तार
  • 1993 के कई बम धमाकों की काट रहा था आजीवन कारावास  की सजा
  • 26 दिसंबर 2019 को 21 दिन के लिए पैरोल पर छूटा था अजमेर जेल से
  • 17 जनवरी 2020 को जाना था वापस जेल लेकिन 16 को ही हो गया फरार
  • हुदी, सिमी व इंडियन मुजाहिद्दीन के लिए भारत में करता था आतंकी साजिश
  • टेक्निकल माइंड होने के कारण अब्दुल करीम टुंडा से सीखा था बम बनाना

RAJAT SAXENA

(लखनऊ/VMN) मुंबई सीरियल ब्लास्ट 1993 राजधानी एक्सप्रेस ब्लास्ट पुणे सीरियल ब्लास्ट सहित 90 के दशक में देश भर में 50 से अधिक बम विस्फोटों  की साजिश रचने और उन्हें अंजाम देने वाला सीरियल ब्लास्ट का मास्टरमाइंड डॉ जलीश अंसारी को यूपी एसटीएफ ने शुक्रवार को कानपुर के फेथफुल गंज क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया। वह देश के कई बम धमाकों के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। 26 दिसंबर 2019 को 21 दिन के लिए पैरोल पर अजमेर जेल से छूटा था जिसको 17 जनवरी 2020 को वापस जेल जाना था लेकिन वह 16 जनवरी कि सुबह से ही मुंबई स्थित अपने आवास से फरार हो गया था। यह जानकारी उप्र पुलिस महानिरीक्षक ओपी सिंह ने दी।

UP DGP OP SINGHउन्होंने बताया कि इस संबंध में एटीएस मुंबई द्वारा 16 जनवरी की रात्रि लगभग 11 बजे उन्हें जानकारी मिली कि आतंकी डॉ जलीश अंसारी  फरार हो गया है और उसके उत्तर प्रदेश में होने की काफी संभावना है। इसलिए मुंबई एटीएस की जानकारी पर उन्होंने डॉ जलीश अंसारी को पकड़ने के लिए संभावित क्षेत्रों में जाल बिछा दिया। पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश एवं अपर पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था ने स्वयं इसकी कमान संभालते हुए पुलिस महानिरीक्षक अमिताभ यश  एवं प्रभारी पुलिस अधीक्षक विशाल विक्रम सिंह को इसकी जिम्मेदारी दी। इन दोनों पुलिस अधिकारियों ने जनपद संत कबीर नगर बस्ती, कानपुर नगर व लखनऊ एसटीएफ टीम को सतर्क करते हुए इन जनपदों के पुलिस अधीक्षक एवं जीआरपी थानों से तालमेल बैठा कर आतंकी को पकड़ने के लिए सघन चेकिंग का अभियान चलने के निर्देश दिए। उसकी ग्राम अमरडोबा  पोस्ट बकीरा जनपद संत कबीर नगर जाने की संभावना भी व्यक्ति की गई। उच्च अधिकारियों की मिले निर्देश के बाद गठित की गई टीम ने पुणे व मुंबई से आने वाली रेलगाड़ियों एवं अन्य साधनों को केंद्रित कर सघन चेकिंग अभियान शुरू कर दिया ।

डॉ जलीश अंसारी के फरार होने पर संपूर्ण देश में रेड अलर्ट जारी किया गया। नेपाल भागने की संभावना को ध्यान में रखते हुए नेपाल सीमा से सटे हुए उत्तर प्रदेश की जनपदीय पुलिस अधिकारियों एवं एसएसबी के वरिष्ठ अधिकारियों को भी सतर्क कर दिया गया। इसी दौरान एसटीएफ मुख्यालय लखनऊ स्थित टीम के पुलिस उपाधीक्षक प्रवेश कुमार शुक्ल को विश्वस्त सूत्रों से डॉ जलीश अंसारी की मौजूदगी कानपुर में होने की सटीक सूचना प्राप्त हुई। इसके संबंध में एसटीएफ फील्ड इकाई कानपुर के प्रभारी पुलिस उपाधीक्षक टीवी सिंह को अवगत कराया गया जिस पर उपनिरीक्षक घनश्याम यादव, आरक्षी  अब्दुल कादिर, राजकुमार, मोहर सिंह एवं आरक्षी चंद्र प्रकाश द्वारा 17 जनवरी को लगभग दोपहर 1 बजे फेथफुल गंज कानपुर नगर से डॉ जलीश अंसारी को गिरफ्तार कर लिया गया। उसके कब्जे से ₹47,780/= नकद, आधार कार्ड, मोबाइल फोन एवं एक पॉकेट डायरी बरामद हुई है।   

यह बताते चलें कि डॉ जलीश अंसारी मुंबई सीरियल ब्लास्ट 1993 राजधानी एक्सप्रेस ब्लास्ट पुणे सीरियल ब्लास्ट सहित 90 के दशक में देश भर में 50 से अधिक बम विस्फोटों की साजिश रचने और उन्हें अंजाम देने वाला  सीरियल ब्लास्ट का यह मास्टरमाइंड सेंट्रल जेल अजमेर में न्यायिक अभिरक्षा में बंद था, जो वर्ष 1993 मुंबई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस में कोटा एवं कानपुर के ब्लास्ट मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। 26 दिसंबर 2019 को 21 दिवस की पैरोल पर अजमेर जेल से छूटा था । उसको पैरोल अवधि में प्रत्येक दिन सुबह 10 से 12 दोपहर के बीच स्थानीय थाने में उसे अपनी उपस्थिति दर्ज कराना जरूरी थी। 17 जनवरी 2020 को उन्हें जेल वापस पहुंचना था परंतु 16 जनवरी 2020 की  सुबह ही अपने अगटीपाड़ा मुंबई स्थित आवाज से वह अचानक गायब हो गया। 

 1992 में बांग्लादेश के रास्ते  आया था भारत में “डॉक्टर बम”

पूछताछ में मालूम हुआ कि डॉ जलीश अंसारी वर्ष 1992 में बांग्लादेश के रास्ते से भारत आया इसके पूर्व पाकिस्तान में रहकर आतंकवाद संबंधी प्रशिक्षण प्राप्त किया। हुजी संगठन के सदस्यों के संपर्क में रहा और भारत में  इंडियन मुजाहिदीन संगठन को ट्रेंड एंड टेक्निकल हैंड होने के कारण इसे उपनाम “डॉक्टर बम”के नाम से भी जाना जाता है। पेशे से चिकित्सक एवं एक अन्य आतंकवादी अब्दुल करीम टुंडा द्वारा प्रेरित था। हैदराबाद,मालेगाव, पुणे, अजमेर  आदि स्थानों पर विस्फोट के लिए जिम्मेदार है। यह टीएनटी और टाइमर बम का विशेषज्ञ है। सिमी, हुजी, इंडियन मुजाहिद्दीन के साथ मिलकर बम धमाकों को अंजाम दिया।

एमबीबीएस डॉक्टर है जलीश अंसारी

 डॉक्टर जलीश के पिता मुंबई में रहकर मजदूरी करते थे। जलीस 6 भाई है। जलीस द्वारा 1982 में साइन हॉस्पिटल मुंबई से वर्ष 1982 में एमबीबीएस किया था। वर्ष 1988 में हैदराबाद के आजम गौरी ने अब्दुल करीम टुंडा से इसकी मुलाकात कराई थी। अब्दुल करीम टुंडा देशी-विदेशी बम बनाने में माहिर था जिससे बम बनाने की विधि को सीखा और महारत हासिल कर ली।