Amity: लॉक डाउन में करें इनके मौलिक अधिकारों की रक्षा
एमिटी विश्वविद्यालय के वेबिनार में भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश की सलाह
6 May 2020, Wednesday
(लखनऊ/VMN) संविधान के अनुसार देश के प्रत्येक व्यक्ति को गरिमा पूर्ण जीवन जीने का अधिकार है। मानव की गरिमा प्रत्येक मनुष्य में निहित है। संविधान का अनुच्छेद हर व्यक्ति को गरिमा पूर्ण जीवन जीने का अधिकार देता है। इसलिए हर राज्य का अनिवार्य कर्तव्य है कि वह आम दिनों के साथ ही लॉक डाउन की स्थिति में भी सभी व्यक्तियों के विशेषकर जो समाज के कमजोर तबके से आते हैं। उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होने से बचायें। यह सलाह भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने दी। अवसर था एमिटी यूनिवर्सिटी के वेबीनार का जिसमें उन्होंने भारतीय संविधान में मानव गरिमा विषय पर अपने विचार रखे।
इस मौके पर उन्होंने विभिन्न न्यायिक मिसालों के माध्यम से संवैधानिक प्रावधानों की व्याख्या भी की। पूर्व मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने कहा कि मानवीय गरिमा का अधिकार शायद हमारे संविधान में पूर्व प्रतिष्ठित मूल्य हैं और गरिमा के अधिकार को मान्यता देना मानव के आंतरिक मूल्य की स्वीकार्यता है। इस अवसर पर एमिटी विश्वविद्यालय के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चाौहान एवं एमिटी विश्वविद्यालय के चांसलर डा अतुल चाौहान उपस्थित थे। इस वेबिनार का संचालन एमिटी लाॅ स्कूल नोएडा के चेयरमैन डा डी के बंद्योपाध्याय द्वारा किया गया। वेबिनार में 1500 से अधिक छात्रों एवं शिक्षकों ने हिस्सा लिया।