• कैंसर पर शुरू में ही विजय पाना होगा आसान 
  • कुछ ही महीनों में शुरू होगा इस तकनीकी से इलाज
  • रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी के “बायोमेडिकल एप्लिकेशन” पर हो रहा है काम 

(लखनऊ/VMN) कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को जानलेवा होने से पहले ही पकड़ लिया जाएगा और शुरुआती स्टेज में ही सटीक इलाज कर रोगी को हमेशा के लिए कैंसर मुक्त कर दिया जाएगा। इस नई तकनीक पर विश्व भर में काम जोरों पर चल रहा है। जल्द ही यह तकनीकी अस्पतालों में भी उपलब्ध होगी।

गौरतलब है कि वर्तमान में कैंसर जैसी घातक बीमारी की पहचान ज़ब तक हो पाती है तब तक यह बीमारी मरीज के शरीर में ऐसे घर बसा लेती है कि तमाम कीमोथेरेपी रेडियोथेरेपी के बावजूद भी मरीज को पूरी तरह से ठीक कर पाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में यह नई तकनीकि किसी रामबाण से कम नहीं साबित होगी। नई तकनीक की जानकारी देते हुए कावेसी गाकुइन विश्वविद्यालय (जापान) के प्रो युकीहिरो ओजाकी ने बताया कि यह नई तकनीकी रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी है जिसका बायोमेडिकल के क्षेत्र में काफ़ी शोध किया जा रहा है। ओजाकी ने रमन इफेक्ट और सीवी रमन के बारे में बात की है। उन्होंने बायोमेडिकल साइंस के लिए रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी के उपयोग के विषय में विस्तृत चर्चा की। उन्होंने बताया  कि रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी द्वारा उम्र बढ़ने और मोतियाबिंद के कारण आंख के लेंस में होने वाले परिवर्तनों  की जांच की जा सकती है। उन्होंने आणविक जानकारी के माध्यम से अपने प्रारंभिक चरण में कैंसर के ऊतकों के निदान के बारे में बात की और यह कैसे आकारिकी  प्रोटीन का पता लगाने, लाइव माउस मॉडल में कैंसर की निगरानी पर निर्भर करता है। उन्होंने रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी के भविष्य के पहलुओं के साथ सत्र का अंत करते हुए कहा कि वह दिन दूर नहीं ज़ब कैंसर जैसी घातक बीमारी पर हम विजय प्राप्त कर लेंगे। आने वाले समय में इस तकनीकी का इस्तेमाल गाल ब्लेडर के स्टोन आदि का भी पता लगाने के लिए किया जायेगा। सबसे खास बात यह है कि यह तकनीकी बीमारी के कारण का पता कर लेती है जिससे इलाज आसान और सटीक हो जाता है। वह लखनऊ विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय  विज्ञान दिवस 2020 के अवसर पर  “रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी के बायोमेडिकल एप्लिकेशन” पर आयोजित वेबिनार में बोल रहे थे। इस मौके पर पोलैंड, मालासिया, दक्षिण कोरिया, हंगरी, जापान, ताइवान, नेपाल और भारत के विभिन्न हिस्सों के 225 से अधिक शोधकर्ताओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्रो. पूनम टंडन, अध्यक्षा भौतिकी विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय ने बताया कि प्रो युकीहिरो ओजाकी जापान एवं विश्व के एक प्रतिष्ठित वैज्ञानिक है जो इलेक्ट्रॉनिक और वाइब्रेशनल स्पेक्ट्रोस्कोपी दोनों ही विषयों में दक्षता रखते हैं। उन्हें भारत के विभिन्न संस्थानों के साथ-साथ कई अन्य देशों से कई प्रतिष्ठित पुरस्कार भी प्राप्त हो चुके हैं।